6 साल की बच्ची के साथ कर रहा था गलत काम, फिर आया बंदरो का झुण्ड और कर दिया हमला
लड़की के पिता ने कहा, "उसने मेरी बेटी को भी धमकाया कि वह मुझे मार देगा। अगर बंदरों ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो मेरी बेटी अब तक मर चुकी होती।"
बंदरों के एक समूह ने एक छह साल की बच्ची को बलात्कारी से बचाया। बच्ची बाहर खेल रही थी, तभी बलात्कारी उसे बहला-फुसलाकर एक सुनसान इमारत में ले गया ।
हालाँकि, बंदरों ने उस व्यक्ति पर हमला कर दिया, जिससे उसे भागने पर मजबूर होना पड़ा।
उत्तर प्रदेश के बागपत में बंदरों के समूह ने कथित तौर पर व्यक्ति को छह साल की बच्ची के साथ बलात्कार करने से रोक दिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी बच्ची को बहला-फुसलाकर एक सुनसान घर में ले गया और उसके कपड़े उतारने लगा। उसने बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की, तभी अचानक बंदर वहां आ गए। पुलिस ने बताया कि जंगली जानवरों के हमले से डरकर वह बच्ची को छोड़कर भाग गया।
यह घटना शनिवार को हुई जब आरोपी ने बच्ची को शहर के एक सुनसान घर में ले जाकर फुसलाया।
पीड़ित बच्ची, जो किंडरगार्टन की छात्रा है, ने अपने परिवार को घटना के बारे में बताया और बताया कि कैसे बंदरों ने उसे बचाया।
पीड़िता के पिता के अनुसार, वह अपने घर के बाहर खेल रही थी जब आरोपी उसे एक सुनसान घर में ले गया।
इसके बाद उसने उसके कपड़े उतार दिए और उसके साथ बलात्कार करने का प्रयास किया, तभी बंदरों के एक समूह ने उस व्यक्ति पर आक्रामक हमला कर दिया, जिससे उसे भागने पर मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा, “पास के सीसीटीवी फुटेज में उस व्यक्ति को मेरी बेटी के साथ एक संकरी गली में चलते हुए देखा जा सकता है। उसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।”
लड़की के पिता ने कहा, “उसने मेरी बेटी को भी धमकाया कि वह मुझे मार देगा। अगर बंदरों ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो मेरी बेटी अब तक मर चुकी होती।”
घटना के बाद पीड़िता के माता-पिता ने नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने बीएनएस धारा 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 76 (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
बागपत सर्किल ऑफिसर हरीश भदौरिया ने सोशल प्रवक्ता को बताया कि आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट का भी मामला दर्ज किया गया है ।