Success Story: मां बनाती थीं ‘मिड-डे मील’ का खाना, बेटे ने IAS बनकर सपना पूरा कर दिया
जब केवल 4 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था. वो अपने पीछे पत्नी और 3 बच्चों को छोड़ गए थे
Success Story of IAS Dongre Revaiah: आज हम आपको एक ऐसे IAS Officer के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें इस मुक़ाम तक पहुंचने के लिए कई तरह की मुश्क़िलों का सामना करना पड़ा. इनका नाम डोंगरे रेवैया (Dongre Revaiah) है. डोंगरे ने UPSC CSE 2022 की परीक्षा में 961 अंक हासिल कर 410वीं रैंक हासिल की थी. वो बचपन से से ही आईएएस ऑफ़िसर बनना चाहते थे, लेकिन इस मुक़ाम तक पहुंचना उनके लिए इतना आसान नहीं रहा.
4 साल की उम्र में पिता का देहांत
दरअसल, डोंगरे रेवैया (Dongre Revaiah) जब केवल 4 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था. वो अपने पीछे पत्नी और 3 बच्चों को छोड़ गए थे. ऐसे में घर का गुज़ारा चलाने के लिए उनकी मां ने 1,500 रुपये के मासिक वेतन पर मिड-डे मील कुक के रूप में काम करना शुरू कर दिया. इसी पैसों से उन्होंने अपने 3 बच्चों की पढ़ाई लिखाई की.
डोंगरे रेवैया ने हर पड़ाव में देखा संघर्ष
डोंगरे रेवैया (Dongre Revaiah) तेलंगाना के कुमुराम भीम आसिफ़ाबाद स्थित तुंगडा गांव के रहने वाले हैं. डोंगरे का बचपन काफ़ी मुश्कलों भरा रहा. वो बचपन से ही पढ़ाई में बेहद तेज़ थे. लेकिन आर्थिक तंगी ने उन्हें हर मोड़ पर दगा दिया. गांव के सरकारी स्कूल से उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की पढ़ाई की. लेकिन उनका सपना इंजीनियर बनना था. ऐसे में डोंगरे ने AIEEE की परीक्षा दी और अच्छी रैंक के साथ उन्हें IIT Madras मिल गया, लेकिन उनके पास एडमिशन के पैसे ही नहीं थे
दरअसल, तुंगडा गांव में एक दिन तत्कालीन कलेक्टर डॉ. अशोक कुमार ग्रामीणों की दलीलों सुनने पहुंचे थे. भीड़ के बीच से एक किशोर दो दस्तावेजों के साथ कलेक्टर साहब के सामने पेश हुआ. उस किशोर के एक हाथ में राज्य के विश्वविद्यालय का लेटर तो दूसरे हाथ में IIT Madras का ऑफ़र लेटर था. ये शख़्स कोई और नहीं डोंगरे रेवैया थे. दरअसल, वो आगे की पढ़ाई के लिए कलेक्टर साहब से मदद मांगने आये थे. क्योंकि डोंगरे रेवैया को IIT Madras में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए 20 हज़ार रुपये की ज़रूरत थी.
इस दौरान जब कलेक्टर साहब ने जब डोंगरे रेवैया के दस्तावेज़ देखे तो वो हैरान रह गए. रेवैया के मार्क्स बेहतरीन थे. ऐसे में कलेक्टर साहब ने उनकी मदद करने का फ़ैसला किया. आख़िरकार क्राउडफंडिंग और कलेक्टरेट की मदद से डोंगरे रेवैया को आईआईटी मद्रास (IIT Madras) में दाखिले के लिए फ़ीस मिल गई. बस यहीं से उन्हें आईएएस अधिकारी बनने की प्रेरणा भी मिली.
साल 2017 में IIT Madras से से केमिकल इंजीनियरिंग में इंटीग्रेटेड कोर्स पूरा करने के बाद उन्होंने 70वीं रैंक के साथ GATE भी क्लीयर किया. इससे उन्हें मुंबई ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ONGC) में नौकरी मिल गई. हालांकि, उनके मन में IAS Officer बनने की चाहत लगातार बनी हुई थी. वो अपनी मां को इससे कम कुछ भी नहीं देना चाहते थे. क्योंकि उन्हें अक्सर अपनी मां का संघर्ष दिखाई देता था.
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ONGC) में सरकारी नौकरी पाने के बावजूद IAS अधिकारी बनने की उनकी चाहत कम नहीं हुई. आख़िरकार साल 2020 में उन्होंने नौकरी के साथ UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी. साल 2021 में उन्होंने अपना पहला अटेम्प्ट दिया. लेकिन इसमें वो 2 अंकों से चूक गए. अगले अटेम्प्ट पर फ़ोकस करने के लिए डोंगरे ने नौकरी छोड़ दी. साल 2022 में 410वीं रैंक लेकर उन्होंने अपना और अपनी मां का सपना पूरा कर दिखाया.