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कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद, कई राज्यों में रोकी ट्रेनें, यूपी में हाई अलर्ट, हिरासत में कार्यकर्ता

 

नई दिल्ली, एसनीएन। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के 13वें दिन मंगलवार को किसानों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान पर उत्तर भारत के कुछ हिस्सों और कुछ गैर-भाजपा शासित राज्यों में बंद का असर देखा जा रहा है. इसके मद्देनजर केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सुरक्षा कड़ी करने और कोरोना वायरस को लेकर दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है.

दोपहिया वाहनों के लिए खुली हैं सीमाएं

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार हरियाणा जाने के लिए दौराला, कपासेरा, राजोखरी एनएच 8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा सीमाएं खुली हुई हैं. टिकरी, झारोदा बॉर्डर और धनसा बंद हैं. बदुसराय सीमा कारों और दोपहिया वाहनों के लिए खुली है। झटीकरा सीमा केवल दोपहिया यातायात के लिए खुली है. किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है.

किसानों से टकराव से बचने की सलाह

उत्तर प्रदेश में ‘भारत बंद’ के आह्वान को देखते हुए हाई अलर्ट है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं कि आम लोगों को ‘भारत बंद’ के कारण कोई असुविधा न हो. उन्होंने पुलिस को किसानों के साथ किसी भी टकराव से बचने की सलाह दी है. अन्य राज्यों से सटे सभी जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है.

लेफ्ट पार्टियों ने कई राज्यों में रोकी ट्रेनें

कोलकाता में भारत बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रही लेफ्ट पार्टियों ने जादवपुर में रेल रोकी और विजयवाड़ा में विरोध प्रदर्शन किया. ओडिशा में वाम राजनीतिक दल, ट्रेड यूनियन और किसान यूनियनों ने भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन ने महाराष्ट्र के बुलढाणा के मलकापुर में ट्रेन को रोक दिया। बाद में पुलिस ने पटरियों से हटा कर उन्हें हिरासत में ले लिया.

बुधवार को फिर किसानों से होगी बातचीत

किसानों और केंद्र सरकार के बीच इसे लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है. किसान यूनियनों ने कहा है कि वे सरकार द्वारा प्रस्तावित किए जा रहे कृषि कानूनों में संशोधन से संतुष्ट नहीं हैं। दोनों के बीच बुधवार को फिर बातचीत होनी है. किसान नेताओं ने कहा कि किसी को भी बंद में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

राजनीतिक पार्टियों को शामिल होने की अनुमति

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा. अगर हमारे द्वारा बुलाए गए भारत बंद में कोई फंस जाता है, तो हम उन्हें पानी और फल देंगे. क्रांति किसान यूनियन के पंजाब इकाई के अध्यक्ष दर्शन पाल ने सोमवार को कहा कि मंगलवार को दोपहर 3 बजे तक ही ‘चक्का जाम’ रहेगा. राजनीतिक पार्टियों को भी इसमें शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.

राज्य सरकारों को जारी किया एडवाजरी

बंद और विरोध प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को अपनी एडवाजरी में यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोरोना के मद्देनजर स्वास्थ्य और शारीरिक दूरी को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए. भारत बंद के दौरान शांति बनाए रखी जाए ताकि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो.

सरकार दूर करेगी किसानों की गलतफहमियां

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देशभर के विभिन्न चुनावों में लोगों द्वारा बार-बार खारिज किए जाने के बाद विपक्षी दल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए आंदोलन में शामिल हुए हैं. किसानों का एक वर्ग निहित स्वार्थों के साथ कुछ लोगों के बहकावे में आ गया है. सरकार सुधारों के बारे में उनकी गलतफहमियों को दूर करेगी.

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