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15वें दिन किसानों के प्रदर्शन का आंदोलन हुआ तेज शनिवार को जयपुर-दिल्ली एक्सप्रेस-वे करेंगे बंद

एसपीएन, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन का आज 15वां दिन है. कल किसानों ने केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके साथ ही किसानों ने आंदोलन और तेज करने की भी बात कही. किसानों ने साफ तौर पर कहा कि हम सरकार को सिर्फ एक लाइन का जवाब भेजेंगे कि हमें आपका प्रस्ताव नामंजूर है.

14 दिसंबर को करेंगे राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को बुधवार को खारिज कर दिया और कहा कि वे शनिवार को जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे को बंद करेंगे तथा 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे. सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच बुधवार को होने वाली छठे दौर की बातचीत को रद्द कर दिया गया था, लेकिन दोनों पक्षों ने कहा है कि वे वार्ता के लिए तैयार हैं.

ट्रैफिक पुलिस ने रूट किया डायवर्ट

किसानों ने जिन-जिन सीमाओं को बंद किया हुआ है वहां ट्रैफिक पुलिस ने रूट डायवर्ट कर दिए. सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर को अभी भी बंद ही रखा गया है. वहीं चिल्ला बॉर्डर पर आज एक तरफ का ट्रैफिक खोल दिया गया है. ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, हरियाणा के दारुला, कापसहेड़ा, बादुसराय, रजोकरी नेशनल हाईवे 8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और दुंदहेरा बॉर्डर को खुला रखा गया है.

सिंघु और टीकरी बॉर्डर भी किया बंद

सिंघु बॉर्डर, अचोंदी, पियाओ मनियारी, मंगेश बॉर्डर अभी भी बंद हैं. नेशनल हाईवे 44 को दोनों साइड से बंद रखा गया है. लोगों से लामपुर, सैफियाबाद, सबोली बॉर्डर, नेशनल हाईवे 8, भोपुरा, पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जाने को कहा गया है. टीकरी बॉर्डर, झरोंदा, ढानसा बॉर्डर अभी भी बंद हैं. झटिकरा बॉर्डर को सिर्फ दो पहिया वाहनों के लिए खोला गया है.

गृह मंत्री अमित शाह के घर हुई बैठक

कानून वापसी पर अड़े किसानों को मनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के घर बैठक हुई. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर औऱ रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे. सूत्रों ने बताया तोमर ने शाह से किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त किए जाने के रास्तों पर चर्चा की. इस बीच कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.

मंत्री ने बताया चीन और पाकिस्तान का हाथ

केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने बुधवार को दावा किया किसान विरोध प्रदर्शनों के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) को लेकर पहले मुसलमानों को गुमराह किया गया, लेकिन ये प्रयास सफल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि अब किसानों को बताया जा रहा है कि नए कानूनों के कारण उन्हें नुकसान होगा.

एकजुट हैं सभी किसान संगठन

किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि मीडिया के एक धड़े में दिखाया जा रहा है कि किसान संगठनों में मतभेद है, लेकिन यह सच नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया. यह सर्वसम्मत फैसला है, ना कि बहुमत का…ऐसा नहीं हो सकता कि कुछ लोग इस पर सहमत हो, कुछ लोग नहीं हो. अगर सभी संगठनों ने कहा कि कानून को वापस लिया जाना चाहिए तो यह हमारा फैसला है.

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