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केंद्र सरकार ने किसानों को भेजा लिखित प्रस्ताव किसी भी कीमत पर वापस नहीं होंगे कृषि कानून

नई दिल्ली, एसपीएन। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हो चुकी. इस बीच सरकार ने किसानों को भेजे गए प्रस्ताव में यह स्पष्ट बता दिया है कि कानूनों में क्या बदलाव किया जा सकता है. किसानों ने सरकार के छठे दौर की बैठक से पहले लिखित प्रस्ताव की मांग की थी. बताया जाता है बैठक में उन प्रस्तावों पर भी मुहर लगेगी, जो किसानों को भेजी गई हैं.

मान सकते हैं संशोधन में सुझाव

इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 13 किसान नेताओं के साथ एक बैठक के बाद सरकार की मंशा से अवगत करा दिया था कि किसी भी कीमत पर कानून वापस नहीं होंगे. अलबत्ता इसमें संसोधन के सुझाव माने जा सकते हैं. भारत बंद के बाद आज किसान नेताओं और सरकार के बीच वार्ता होने वाली थी, जिसे फिलहाल टाल दिया गया है.

छठे दौर की बातचीत के लिए दिया निमंत्रण

सरकार की ओर से आंदोलन कर रहे किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी का जिक्र किया गया है. इसके अलावा सरकार की ओर से प्रस्ताव में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत देने और प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने की बात की गई है. इसके साथ ही सरकार ने किसानों को छठे दौर की बातचीत के लिए निमंत्रण दिया है.

राहुल, शरद समेत पांच नेता राष्ट्रपति से मिलेंगे

आज शाम कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष के पांच नेता, जिनमें राहुल गांधी और शरद पवार भी शामिल हैं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे. सरकार की ओर से प्रस्ताव मिलने के बाद किसान नेताओं की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति का ऐलान किया जाएगा. 40 किसान संगठनों की बैठक के बाद किसान इस बात का फैसला करेंगे कि सरकार के साथ आगे की वार्ता होनी है या फिर नहीं.

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