भनक तक नहीं लगी, नीतीश ने कर दिया खेला, सत्ता न बचाने की मिली सजा, हटाई सुरक्षा
एसपीएन डेस्क : बिहार में सत्ता हाथ से जाने से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राज्य के नेताओं से खासा नाराज है. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाला बदलने से भाजपा सत्ता से बाहर हो गई और बीजेपी के नेताओं को अंतिम समय तक यह भनक तक नहीं लग पाई. यही कारण है कि भाजपा के 10 नेताओं को जो वाई श्रेणी का सुरक्षा कवर दिया गया था वह वापस ले लिया गया.
बगावत भांप नहीं पाई बीजेपी
वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या केंद्रीय नेतृत्व ने इन टॉप लीडरों को सत्ता न बचा पाने की सजा दी है, क्योंकि सरकार ने अपने की नेताओं की सुरक्षा में कटौती की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व बिहार में सत्ता जाने से राज्य नेताओं से नाखुश है. राज्य के नेताओं पर आरोप लग रहा है कि वह लोग जेडीयू की बगावत को अंतिम समय तक भांप नहीं पाए और भाजपा के हाथ से सत्ता चली गई.
वाई श्रेणी का था सुरक्षा कवर
बता दें कि अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसक विरोध को देखते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर, अररिया के सांसद प्रदीप सिंह, एमएलसी दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल, दीघा विधायक संजीव कुमार चौरसिया विस्फी विधायक हरिभूषण ठाकुर और दरभंगा विधायक संजय सरावगी को वाई श्रेणी का सुरक्षा कवर दिया गया था. इसी को लेकर इन नेताओं पर केंद्रीय नेतृत्व की यह गाज भी गिरी है.
बिहार में हुआ था उग्र प्रदर्शन
केंद्रीय नेतृत्व का कहना है कि अगर राज्य के नेता बगावत के बारे में पहले जानकारी दे देते तो डैमेज कंट्रोल की कोशिश की जाती, लेकिन राज्य के नेता अंतिम समय तक सब कुछ ठीक होने की बात करते रहे. नीतीश कुमार कोई ऐसा कदम उठा सकते हैं यह बीजेपी के नेता भांप नहीं सके. बेतिया में गुस्साए प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के आवास पर हमले के बाद केंद्र ने यह फैसला लिया था. अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार में सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन हुआ था.