आय से अधिक संपत्ति मामले में चौटाला को चार साल की सजा और 50 लाख का जुर्माना
एसपीएन, नई दिल्ली : अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को चार साल की जेल और 50 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है. हालांकि वह जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं जहां से उन्हें राहत मिल सकती है.
ओम प्रकाश चौटाला पर यह है मामला
सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार चौटाला 1993 और 2006 के बीच 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति एकत्र करने के लिए जिम्मेदार हैं. मई 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने 3.6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी. चौटाला को जनवरी 2013 में जेबीटी घोटाले में भी दोषी ठहराया गया था. 2008 में चौटाला और 53 अन्य पर 1999 से 2000 तक हरियाणा में 3,206 जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आरोप लगाए गए थे. जनवरी 2013 में अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दस साल के कारावास की सजा सुनाई थी. चौटाला के वकील ने कहा कि जितने समय तक चौटाला जेल में रहे हैं, उसको भी सजा देते समय विचार किया जाए.
कोर्ट ने नहीं सुनी वकील की दलील
राऊज एवेन्यू अदालत स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल के समक्ष चौटाला की ओर से पेश अधिवक्ता हर्ष शर्मा ने कहा कि उनका मुवक्किल जन्म से विकलांग है और उन्हें जेल में अस्थमा हुआ है. उनकी वर्तमान में आयु 87 साल की है और वे 90 प्रतिशत विकलांग हैं और बिना किसी की मदद के कहीं आ-जा नहीं सकते. चौटाला को स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां हैं व उनका इलाज गुड़गांव के मेदांता में भी इलाज चल रहा है. उन्हें हार्ट की भी बीमारी है और पेसमेकर भी लगा हुआ है। चौटाला के वकील ने कोर्ट में उनके मेडकिल हिस्ट्री की जानकारी देते हुए कहा चौटाला के के फफड़े में भी इंन्फेक्शन है, जिसका इलाज चल रहा है.वकील ने कहा कि जेल में चौटाला का अच्छे व्यवहार रहा है और इस केस में अदालत में भी उन्होंने कभी सुनवाई टालने का आग्रह नहीं किया।
सीबीआई ने जताई थी ये आपत्ति
वहीं सीबीआई ने बचाव पक्ष के तर्कों पर आपत्ति जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को अधिकतम सजा देने की मांग की थी. वकील ने कहा कि दोषी स्वास्थ्य का हवाला देकर सजा कम करने की मांग नहीं कर सकता. भ्रष्टाचार कम करने के लिए कानून के मुताबिक सजा होनी चाहिए. भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे समाज में मिसाल दिया जा सके. उन्होंने कहा दोषी एक सार्वजनिक व्यक्ति है. सजा कम हुई तो समाज में गलत संदेश जाएगा.चौटाला को 3,000 से अधिक अयोग्य शिक्षकों की अवैध रूप से भर्ती करने का दोषी पाया गया था. सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार चौटाला 1993 और 2006 के बीच 6.09 करोड़ रुपये (आय के अपने वैध स्रोत से अधिक) की संपत्ति एकत्र करने के लिए जिम्मेदार हैं.