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कोरोना की तीसरी लहर 6-8 महीने बाद, जुलाई-अगस्त से लगने लगेगी बच्चों को वैक्सीन

एसपीएन, नई दिल्ली, देश में कोरोना की दूसरी लहर का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है और तीसरी लहर का अंदेशा भी जताया जा रहा है. हालांकि तीसरी लहर को लेकर केंद्र सरकार ने राहत भरी खबर दी. कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा है कि तीसरी लहर आने में अभी 6-8 महीने का वक्त है. इतने समय में सबको टीका लगाया जा सकता है. उन्होंने जुलाई या अगस्त से बच्चों को भी वैक्सीन लगने की उम्मीद जताई है.
महाराष्ट्र से आए हैं सबसे अधिक मामले

12 राज्यों में डेल्टा प्लस के अब तक 51 मामले

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने कहा कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप का फेफड़ों के उत्तकों से ज्यादा जुड़ाव मिला है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि इससे गंभीर बीमारी होगी या यह ज्यादा संक्रामक है. एनटीएजीआई के प्रमुख डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप डेल्टा प्लस की 11 जून को पहचान हुई. देश के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के अब तक 51 मामले आ चुके हैं. इस स्वरूप से संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से आए हैं.

जायकोव-डी’ के  इस्तेमाल को मंजूरी

जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है. जुलाई के आखिर या अगस्त तक संभवत: वैक्सीन लगना शुरू हो जाएगा जो 12-18 उम्र वर्ग के बच्चों को लगाई जाएगी. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के सामने अपनी कोरोना वैक्सीन ‘जायकोव-डी’ के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए जल्द ही आवेदन दे सकता है. कंपनी का दावा है कि इसे वयस्कों और बच्चों दोनों को दिया जा सकता है.

कम होगा तीसरी लहर का प्रभाव

अब तो जो मामले सामने आए है उसमें कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के लक्षणों में बुखार, सूखी खांसी और थकान महसूस होना, सीने में दर्द होना, सांस फूलना और सांस लेने में तकलीफ होना, इसके अलावा स्किन पर चकत्ते पड़ना पैर की उंगलियों का रंग बदलना शामिल है. उन्होंने कहा कि यदि कोरोना की दूसरी लहर में एक बड़ी आबादी संक्रमित हुई है तो तीसरी लहर में लोगों को सर्दी खांसी जैसी समस्याएं होंगी, क्योंकि ऐसे लोगों में एंटीबॉडी का निर्माण हो चुका है. यदि इस रफ्तार से ही टीकाकरण होता रहा तो कोरोना की तीसरी लहर तक आबादी का एक बड़ा हिस्सा टीका लगवा चुका होगा. इससे तीसरी लहर का प्रभाव उतना नहीं होगा, जिसका लोगों को डर है।

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