एससी की टिप्पणी के बाद तीस्ता सीतलड़वाड़ समेत एक पूर्व आइपीएस को किया गिरफ्तार

 

एसपीएन डेस्क :  गुजरात में 2002 के दंगों पर झूठे खुलासे कर सनसनी पैदा करने वालों पर सर्वोच्च अदालत की टिप्पणी के बाद दिल्ली से लेकर अहमदाबाद तक पुलिस हरकत में आ गई है. गुजरात एटीएस की टीम ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार को भी गिरफ्तार किया है.

आयोग को गलत जानकारियां दीं

एफआईआर के मुताबिक आरोपियों ने जकिया जाफरी के जरिए कोर्ट में कई याचिकाएं लगाईं और एसआईटी प्रमुख और दूसरे आयोग को गलत जानकारियां दीं. जानकारी के मुताबिक जब तीस्ता को टीम ने जीप में बैठाने की कोशिश की तो उसके ऑफिस के कर्मचारियों और समर्थकों की जांच टीम से बहस हुई. उन्होंने तीस्ता को जीप से ले जाने के लिए रोकने की भी कोशिश की.

निराधार और झूठे साबित हुए बयान

दरअसल संजीव भट्ट, हिरेन पंड्या और आरबी श्रीकुमार ने SIT के सामने बयान दिया था जो कि निराधार और झूठे साबित हुए, क्योंकि जांच में पता चला कि ये लोग तो लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा के लिए बुलाई गई उस मीटिंग में शामिल ही नहीं हुए थे. बता दें कि 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगे पर एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका को रद्द कर दिया था. इस याचिका को जाकिया जाफरी ने दाखिल किया था.

स्वार्थ के लिए भावनाओं का इस्तेमाल

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका रद्द करते हुए कहा था तीस्ता सीतलवाड़ के बारे में और छानबीन की जरूरत है, क्योंकि तीस्ता इस मामले में जकिया जाफरी की भावनाओं का इस्तेमाल गोपनीय ढंग से अपने स्वार्थ के लिए कर रही थी. कोर्ट ने कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ इसीलिए इस मामले में लगातार घुसी रहीं, क्योंकि जकिया अहसान जाफरी इस पूरे मामले में असली पीड़ित हैं.

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