मिलिए डेटा के इन दलालों से, जो आपकी निजी जानकारी बेच देता है बाजार में

सुशील : यदि आप प्रोडक्ट के लिए भुगतान नहीं कर रहे हैं, तो आप प्रोडक्ट हैं. आपने शेयर मार्केट के दलाल, आरटीओ के दलाल, पोस्ट ऑफिस के दलाल सुने होंगे. लेकिन आज हम ऐसे दलालों का कच्चा चिट्ठा खोलेंगे जो डेटा की दलाली करते हैं.

डेटा के असली खिलाड़ी

इंटरनेट वाली दुनिया में सबसे कीमती कोई चीज है तो वो है डेटा. दुनिया के कई बिजनेस सिर्फ इसी पर निर्भर हैं. विशेषकर सोशल मीडिया कंपनियां. विज्ञापन तभी चलेंगे जब डेटा सॉलिड होगा. अभी तक आपको लग रहा होगा हम फ़ेसबुक और गूगल का कोई नया कांड बताने आए हैं. जी नहीं हम तो इनके भी बाप, डेटा के असली खिलाड़ियों की बात करने वाले हैं.

कौन हैं डेटा के दलाल

ऐसे फर्म जो यूजर्स के बारे में जानकारी एकत्रित करते हैं और फिर इसे बेचने के लिए एक ऑर्गनाइज़्ड फॉर्मेट में तैयार करती है. खरीददार कौन. कंपनियों से लेकर एक व्यक्ति तक. डेटा कलेक्शन कितना लुभावना व्यापार है कि 2020 के अंत तक इसमें दुनियाभर से 4000 कंपनियां इनवॉल्व थीं. उसके 23000 सर्वर हैं और एक सर्वर पर एक आदमी 3000 डेटा पॉइंट को कंट्रोल करता है.

क्या जानकारी इकट्ठा करती हैं?

अब ऐसी कंपनी की कल्पना कीजिए जो इन डेटा जीवियों से सर्विस नहीं लेती हो और खुद सब मैनेज करती हों. निजी जानकारी जैसे आपका पूरा नाम, उम्र, लिंग, ईमेल, फोन नंबर, जन्म की तारीख. एक शब्द में कहें तो आपसे जुड़ी हरसंभव जानकारी. आपकी राजनैतिक दिलचस्पी, शिक्षा, और मौका लगे तो आपकी इनकम कितनी है.

कैसे इकट्ठा करती हैं डेटा ?

सोशल मीडिया कंपनियों की तरह ये भाई लोग भी ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरीकों से आपकी जानकारी जुटाते हैं. अगर आपका स्मार्टफोन आपके साथ है तो यकीन जानिए आप पर नजर बनी हुई है. आजकल वेबसाइट इतनी एडवांस्ड हो गई है कि आप कितनी बार क्लिक किये. पेज व्यू, साइट पर आपका टाइम, यहां तक कि आपके माउस की हरकत तक रिकॉर्ड होती है.

लीज पर देता है डेटा

ऑनलाइन से इतर ऑफ़लाइन के लिए इनके सोर्स हैं कोर्ट के रिकॉर्ड, गाड़ियों से जुड़ी जानकारी, शादी और तलाक, बैंक में डीफॉल्टर होने तक. ये कंपनियां कभी भी अपना डेटा बेचती नहीं है. लीज पर मतलब किराये पर दिया जाता है डेटा. अब डेटा जितना रिफाइंड मतलब तराशा हुआ, कीमत भी उसके मुताबिक. ये बिकता भी ऊंची कीमत पर है.

कहां होता है इस्तेमाल ?

इसके लिए हर कंपनी की अपनी स्ट्रेटजी होती है. एक महत्वपूर्ण बात. अब ये तो आपको पता है कि डेटा का इस्तेमाल आपकी पसंद नापसंद के हिसाब से विज्ञापन देने के लिए होता है. काश इतना ही होता. आपके डेटा का इस्तेमाल ये जानने में भी होता है कि आपको जो लोन दिया जा रहा, वो चुका भी पाओगे या नहीं.

आप क्या कर सकते हो?

सच कहा जाए तो ज्यादा कुछ नहीं. मतलब अब हर डेटा के दलाल के पास तो जाकर ये नहीं कह सकते कि भैया हमारा डेटा डिलीट कर दो प्लीज. अब जो पहुंच भी गए तो पता कैसे चलेगा कि इन्हीं भाईसाहब ने कांड किया है. आपके लगे कि सिर्फ सोशल मीडिया कंपनी आपके डेटा का बेजा इस्तेमाल करती है तो इन डेटा के दलाओं का भी ध्यान रखिएगा.

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