धनखड़ की दावेदारी से राजस्थान की राजनीति होगी प्रभावित, जाटलैंड को भी साधा

एसपीएन, डेस्क : पराष्ट्रपति पद के लिए राजस्थान के जाट समुदाय से आने वाले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का नाम तय कर भाजपा ने सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों के साथ राजनीतिक समीकरण भी साधे हैं.

कम होगी वसुंधरा पर निर्भरता

किसान परिवार से आने वाले धनखड़ का नाम तय कर भाजपा नेतृत्व ने राज्यसभा के संचालन के लिए एक अनुभवी और योग्य व्यक्ति देने के साथ अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए भी अपनी रणनीति साफ कर दी है. इससे राजस्थान की राजनीति तो प्रभावित होगी ही साथ ही भाजपा की बड़ी नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर पार्टी की निर्भरता भी कम होगी.

बीजेपी का मास्टर स्ट्रॉक

उपराष्ट्रपति पद के लिए राजस्थान के जाट समुदाय से आने वाले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का नाम तय कर भाजपा ने सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों के साथ राजनीतिक समीकरण भी साधे हैं. धनखड़ का नाम हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैले जाटलैंड के लिए तो एक बड़ा संदेश है ही, राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी है एक बड़ा दांव है.

राजस्थान चुनाव में फायदा

दरअसल, राज्य का जाट समुदाय वसुंधरा राजे का समर्थक माना जाता है, ऐसे में धनखड़ से भाजपा को वहां के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में लाभ मिलेगा. इसके अलावा हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय में भी बड़ा संदेश जाएगा. धनखड़ के पास सरकार, संसद, विधानसभा और राज्यपाल के रूप में काम करने का लंबा प्रशासनिक अनुभव है.

कभी संयम नहीं खोया

पेशे से वकील रहे धनखड़ ने राजनीति की शुरुआत 1989 में जनता दल से की थी। झुंझुनूं से सांसद चुने गए थे। बाद में चंदशेखर सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री भी रहे. भाजपा से जुड़ने के बाद उनको पहली बड़ी जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की मिली, जहां वह अपने पूरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ टकराव में उलझे रहे. हालांकि तमाम तरह की अप्रिय घटनाओं के बावजूद संयम नहीं खोया.

संतुलन बना कर रखा

अब देश में राष्ट्रपति पूर्वी भारत से व उपराष्ट्रपति पश्चिम भारत से होंगे. पांच साल पहले रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति और वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति बना कर उत्तर और दक्षिण भारत को इन दोनों महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर प्रतिनिधित्व दिया गया था. अब पार्टी ने द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति और जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर पूर्व और पश्चिम भारत का संतुलन बैठाया है.

Facebook Comments Box

Show More
Back to top button