महाराष्ट्र में फडणवीस का मास्टर स्ट्रोक, हिंदुत्व के मुद्दे पर छोड़ी सीएम की कुर्सी

एसपीएन डेस्क :  सात दिनों चे चल रहे महाराष्ट्र की सियासत में आज पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की एक घोषणा से राजनीतिक हल्कों में भूचाल आ गया है. राज्यपाल से मिलने के बाद उन्होंने कहा एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और मैं मंत्रिमंडल के बाहर रहूंगा. हम हिंदुत्व के मुद्दे की वजह से उनके साथ जा रहे हैं. एकनाथ शिंदे शाम 7 बजकर 30 मिनट पर शपथ लेंगे.

मैं मंत्रिमंडल के बाहर रहूंगा

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा भाजपा-शिवसेना और 16 निर्दलियों ने राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश किया है. देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि आने वाले दिनों में हम मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और मैं मंत्रिमंडल के बाहर रहूंगा.

चुनाव में जनादेश मिला था

फडणवीस ने कहा 2019 में भाजपा और शिवसेना साथ में चुनाव लड़ी. माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमें पूर्ण बहुमत मिला. भाजपा को 106 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. इसके साथ ही कई अन्य लोग हमारे साथ आए थे. प्रधानमंत्री ने चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान भी किया था. सभी को यह मंजूर था. किंतु चुनाव के बाद शिवसेना के नेताओं ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन का निर्णय लिया.

एनसीपी के दो मंत्री जेल में

बालासाहेब ठाकरे जी ने जिन विचारों का जीवनभर विरोध किया, जीवनभर जिनसे लड़ाई की और जिनके लिए वो कहते थे कि अगर इनके साथ जाना पड़ा तो मेरी दुकान बंद कर दूंगा, ऐसे लोगों के साथ गठबंधन किया और उसके बाद ढ़ाई साल तक हमने एक सरकार देखी. जिस सरकार के दो मंत्री धनशोधन मामले में जेल में गए, दाऊद के साथ रिश्ते के आरोप मंत्री पर लगे, जेल में जाने के बावजूद मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाया नहीं गया.

विश्वास मत से पहले इस्तीफा

उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के बागी विधायकों के समर्थन से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)राज्य में सत्ता में लौटने के लिए तैयार है. गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को होने वाले विश्वास मत से पहले ही बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा देने का ऐलान किया था. गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को होने वाले विश्वास मत से पहले ही बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

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