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भारत को मिला दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका, डीसीजीआई से मांगी मंजूरी

एसपीएन टीम, नई दिल्ली : कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को एक और हथियार मिलने वाला है. भारत में जल्द ही 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी टीका लगना शुरू हो जाएगा। बेंगलुरु बेस्ड फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए अपनी डीएनए वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है.

जुलाई के अंत या अगस्त से हो सकता टीकाकरण

अगर डीसीजीआई से इस वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो फिर देश में जारी टीकाकरण अभियान में जल्द ही यह वैक्सीन शामिल हो सकती है. बता दें कि वैक्सीन के तीनों चरणों का ट्रायल पूरा हो चुका है। जायडस कैडिला वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है. ये ट्रायल 28,000 से ज्यादा वॉलंटियर्स पर किया गया है. क्लिनिकल ट्रायल से पता चलता है कि टीका बच्चों के लिए सुरक्षित है. कंपनी ने ट्रायल का डेटा डीसीजीआई को दे दिया है. इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद जुलाई के अंत तक या अगस्त में पहले हफ्ते से 12-18 उम्र के बच्चों का टीकाकरण शुरू हो सकता है.

28 हजार वॉलंटियरों पर किया गया ट्रायल

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जायडस कैडिला ने भारत के टॉप दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के समक्ष आवेदन दिया है, जिसमें उसने अपनी डीएनए वैक्सीन Zycov-D के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी की मांग की है. जायडस कैडिला की यह वैक्सीन 12 वर्ष की आयु और उससे ऊपर के लोगों के लिए है। कंपनी ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा प्रस्तुत किया है, जिसमें 28,000 से अधिक वॉलंटियरों ने भाग लिया था। रॉयटर्स की मानें तो अंतरिम डेटा में वैक्सीन सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों पर खड़ी उतरी है.

अब तक 34 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन

डीएनए-प्लाज्मिड आधारित ‘जायकोव-डी’ टीके की तीन खुराकें होंगी. इसे देश के किसी भी हिस्से में आसानी से पहुंचायी जा सकेगी. जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के तहत नेशनल बायोफार्मा मिशन की ओर से टीके को सहयोग मिला है. भारत में इस साल की शुरुआत में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. अभी तक 33 करोड़ 57 लाख डोज दी जा चुकी हैं. जिसमें 27 करोड़ 60 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली और 5 करोड़ 96 लाख को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई है.

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