विधान परिषद चुनाव में एनडीए को लगेगा झटका, कम हो सकती है दो सीटें
सातों सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया दो जून से आरंभ हो जाएगी. नामांकन पत्रों की जांच 10 जून को होगी जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 जून निर्धारित की गयी है.
पटना, सुशील : विधान परिषद की सात सीटों पर चुनाव की घोषणा होने के साथ ही बिहार में सियासी समीकरण तेज हो गया. चुनाव 20 जून को होना है तथा नामांकन की प्रक्रिया दो जून से आरंभ हो जाएगी. बिहार विधानसभा कोटे से निर्वाचित जिन 7 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें अर्जुन सहनी, मो कमर आलम, गुलाम रसूल, रोजिना नाजिश, रणविजय कुमार सिंह, मुकेश सहनी और सी पी सिन्हा उर्फ चंदेश्वर प्रसाद सिन्हा का नाम शामिल हैं.
बदल गया है सियासी समीकरण
पिछली बार हुए इन सीटों पर हुए चुनाव के बाद बिहार की राजनीति की स्थिति बिल्कुल बदल चुकी है. सातों सीटों में छह एनडीए गठबंधन और एक वीआईपी के पास है, जिससे मुकेश सहनी को भाजपा ने बेदखल कर दिया है. नये समीकरण के अनुसार अभी जो परिस्थिति है उसमें एनडीए को नुकसान होता नजर आ रहा है. रिटायर होने वालों में जदयू के गुलाम रसूल बलियावी, सीपी सिन्हा, कमर आलम, रणविजय सिंह, रोजिना नाजिम, वीआईपी के मुकेश सहनी और भाजपा के अर्जुन सहनी शामिल हैं.
महागठबंधन को मिल सकती है तीन सीटें
कमर आलम, कुमार रणविजय सिंह राजद से जबकि तनवीर अख्तर कांग्रेस से जीतकर आए थे, जो जदयू में शामिल हो गए. नए समीकरण के हिसाब से सातों सीटों में एनडीए को चार और राजद की महागठबंधन को तीन सीटें हासिल हो सकती हैं. इस प्रकार एनडीए को दो सीटों का झटका लगना तय है. 2016 में राज्य में जब महागठबंधन की सरकार थी तो उस समय जदयू के पास दो, राजद के पास दो, भाजपा-कांग्रेस व वीआईपी के पास एक-एक सीट थी. बाद में राजद के दोनों विधानपार्षद व कांग्रेस के एकमात्र विधानपार्षद जदयू में शामिल हो गए.
एक सीट के 31 एमएलए के वोटों की जरुरत
एक सीट पर जीत के लिए 31 एमएलए के वोटों की जरुरत होगी. वोटों के हिसाब से भाजपा और राजद के दो-दो कैंडिडेट की जीत सुनिश्चित है, जबकि जदयू के पास भी 46 विधायक है और उनकी भी एक सीट पर जीत तय है. वहीं हम के चार और एक निर्दलीय वोट को भी जोड़ दिया जाए तो एनडीए के खाते में चार सीटें जा सकती हैं. इसी तरह राजद को तीसरी सीट उसे या उनके सहयोगी को मिलनी तय है, क्योंकि अपने दो उम्मीदवारों की जीत पक्की करने के बाद उसके पास 14 वोट अतिरिक्त होंगे.
20 जून को होगी मतों की गिनती
माले के 12 वोट जोड़ने से उसके पास 26 वोट हो जाते हैं. वामदलों के चार वोट से यह संख्या 30 हो जाती है. कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं और उसकी पूरी कोशिश होगी कि वह माले के 12 वोटों को अपने पक्ष में कर ले तो उसके भी 31 वोट हो सकते हैं. विधान परिषद के सातों सदस्यों का कार्यकाल 21 जुलाई को समाप्त हो रहा है. इन सातों सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया दो जून से आरंभ हो जाएगी. नामांकन पत्रों की जांच 10 जून को होगी जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 जून निर्धारित की गयी है. मतदान 20 जून को कराया जाएगा.