चिमनी ब्लास्ट में अब तक 9 की मौत, पीएम ने किया 2-2 लाख मुआवजे का ऐलान

एसपीएन, पटना : बिहार के रक्सोल स्थित एक ईंट भट्ठे में हुए विस्फोट से मरने वालों की संख्या अब नौ हो गई है. जबकि आठ लोग अभी भी निजी अस्पताल में जीवन और मौत के बीच जूझ रहे हैं. इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. इसी के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो दो लाख रुपये के अनुग्रह राशि की घोषणा की है. वहीं इस हादसे में घायलों को 50-50 हजार रुपये मिलेंगे. इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है. उधर, राज्य सरकार ने भीमुख्यमंत्री राहत कोष से 4-4 लाख रूपए देने का ऐलान किया है.
घटना को लेकर लोगों में आक्रोश

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि इस हादसे में घायलों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. वहीं सभी घायलों के समुचित इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित कर दिया गया है.घटना रामगढ़वा थाना क्षेत्र के नरिरगिर गांव के पास की है. शुक्रवार की शाम को हुए इस हादसे में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं 12 से अधिक लोग घायल हो गए थे. जबकि 20 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे. सूचना मिलने पर बचाव दल मौके पर पहुंचा, लेकिन अंधेरे की वजह से बड़ी मुश्किल से टीम ने लोगों को वहां से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया. उधर, हादसे की सूचना मिलते ही इस भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों के घरों में कोहराम मच गया. लोग भाग कर मौके पर पहुंचे। इस घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है.
धमाके के साथ लगी थी आग

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि ईंट भट्ठे पर जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई. इसके बाद चिमनी टूटकर नीचे गिर गई. इससे भट्ठे पर काम कर रहे कई मजदूर दब गए. पुलिस के मुताबिक अभी तक नौ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. बाकी घायलों का इलाज जारी है. इसी के साथ भट्ठे पर सर्चिंग का काम शनिवार को भी जारी रहा. पुलिस ने बताया कि मृतकों में एक चिमनी मालिक मो. इरशाद है. वहीं बाकी सभी मजदूर बताए जा रहे हैं. उनकी पहचान की जा रही है. घटना के बाद स्थानीय विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा रक्सौल एसआरपी अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना.

टायर के इस्तेमाल से हादसा

जिला सहायक खनन पदाधिकारी रागिनी कुमारी ने बताया कि चिमनी विभाग से लिस्टेड है. यहां से समय पर राजस्व जमा किया जाता रहा है. हादसे की वजह के बारे में उन्होंने कहा कि हो सकता है कोयले की कीमत अधिक होने की वजह से चिमनी संचालक ने लकड़ी और टायर को इंधन के रूप में इस्तेमाल किया हो. जिससे अंदर गैस बनी और ब्लास्ट हो गया.

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