पूरा हुआ लालू का सपना, लाल बना स्वयंभू सीएम, 20 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी
सुशील : बिहार विधानमंडल का पांच दिनी मानसून सत्र में सदन की कार्यवाही भले ही एक दिन भी सही तरीके से नहीं चली, किंतु माननीयों की हरकत से यह सत्र याद रखा जाएगा. एक ओर जहां विधानमंडल की कार्यवाही के समानांतर एक अलग सदन का संचालन किया गया जहां सदन के नेता तेजस्वी यादव थे. वहीं पूर्ण बहुमत वाली सरकार जहां उनके अपने ही विधायक मौजूद नहीं थे.
अवध बिहारी बने विधानसभा अध्यक्ष
यह सदन स्वयंभू मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विधानसभा की लॉबी में चला. विधानसभा’ के अध्यक्ष थे राजद के अवध बिहारी चौधरी. सदन में चाय-नाश्ते का दौर भी चला. इसी दौरान अध्यक्ष ने राजद के सबसे बड़ा दल होने की घोषणा की. कार्यवाही के दौरान एनडीए की चुनावी घोषणा का मजाक बनाते 20 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की.
अग्निपथ के खिलाफ प्रस्ताव पारित
सदन ने अग्निपथ योजना के खिलाफ सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया; राष्ट्रपति से इस योजना को रद्द करने का आग्रह किया गया. तेजस्वी ने सदन में कहा-’लोकतंत्र के इस मंदिर में आम लोगों की समस्याओं पर चर्चा और उसके समाधान की बात होनी चाहिए. सभी माननीय सदस्य लोगों के मसलों को उठाएं और हम उसे पूरा करेंगे. कुछ लोग वादा करके भूल जाते हैं। कुछ लोगों के लिए वादा जुमला होता है.
अग्निपथ को लेकर नीतीश असहज
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी अग्निपथ योजना को लेकर अगर किसी प्रदेश में सबसे ज्यादा विरोध हुआ है तो वह है बिहार. आरजेडी लगातार अग्निपथ योजना का विरोध कर रहा है, वहीं एनडीए की सहयोगी जदयू भी अग्निपथ के समर्थन में खुलकर सामने नहीं आ रही है. अग्निपथ को लेकर सवाल-जवाब हुए. वहीं, दूसरी ओर एनडीए विधानमंडल दल की बैठक नहीं हुई.
नहीं हुई विधानमंडल की बैठक
सबसे बड़ी बात ये है कि किसी भी सत्र के शुरू होने से पहले सभी पार्टियों यानी खासकर सत्ता पक्ष के गठबंधन के विधानमंडल दल की बैठक होती है, इसमें निर्णय लिया जाता है कि सदन को कैसे चलाया जाए. सरकार की ओर से क्या रुख रहेगा. लेकिन इस बार एनडीए विधानमंडल दल की बैठक यानी एनडीए की बैठक नहीं हुई. एनडीए विधानमंडल दल की बैठक नीतीश कुमार की अध्यक्षता में होती है.