जगदा बाबू के इस्तीफे के बाद गरमाई सियासत हिना-ओसामा से मिलने सिवान पहुंचे सिद्दिकी
एसपीएन, सिवान : राजद भले ही पार्टी में सब कुछ ठीक ठाक होने का दावा कर रहा है, लेकिन जगदानंद के इस्तहफे की पेशकश के बाद यही कहा जा सकता है ऑल इज नॉट वेल. शुक्रवार की देर रात आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब से मिलने सिवान पहुंचे और बंद कमरे में घंटों बातचीत की. अब दोनों के मुलाकात के बाद कयासों के बाजार गर्म है.
पप्पू और प्रभुनाथ भी पहुंचे ओसामा के दरवार
आरजेडी के दिवंगत नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन को काफी समय गुजरने के बावजूद विभिन्न पार्टी के नेताओं का उनके परिजनों से मिलने का दौर जारी है. लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप दो बार सीवान पहुंचकर ओसामा से मुलाकात कर चुके हैं. पप्पू यादव से लेकर दिग्गज प्रभुनाथ सिंह तक ओसामा के दरवार में हाजिरी लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उनसे मुलाकात नहीं की है. ना ही इस मुद्दे पर कुछ बयान दिया है. जीतन राम मांझी ने तंज कसते हुए कहा था कि शहाबुद्दीन के बेटे ओासामा से तेजस्वी यादव मुंह क्यों छिपा रहे हैं?
डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश
माना जा रहा है शहाबुद्दीन के निधन के बाद आरजेडी की ओर से जैसा रवैया अख्तियार किया गया, उससे दिवंगत नेता के परिजनों में नाराजगी है. आरजेडी से इस्तीफा दे चुके विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज ने भी आरोप लगाया था कि शहाबुद्दीन जब अस्पताल में थे तब लालू परिवार ने उनका साथ नहीं दिया. मौत के 13 दिनों बाद लालू परिवार के सदस्य तेजप्रताप ने शहाबुद्दीन के स्वजनों से मुलाकात की. अब घड़ियाली आंसू बहाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है. अब्दुल बारी सिद्दिकी की शहाबुद्दीन के परिवार की नाराजगी को दूर कर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश माना जा रहा है और इसपर सियासत गर्म हो गई है।
जगदानंद सिंह के इस्तीफे पर साधी चुप्पी
यही वजह है कि शहाबुद्दीन के सबसे करीब रहे सिद्दकी को मान मनौव्वल के लिए उनके घर भेजा गया. ताकि शहाबुद्दीन का परिवार आरजेडी का हिस्सा बने रहे. ओसामा से घंटों बातचीत कर बाहर निकले अब्दुल बारी सिद्दीकी से जब उनके आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत कारणों से आया हूं. वहीं, हिना-ओसामा के पार्टी बदलने के चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि यह सब बकवास है. कभी ओसामा ने कहा है क्या वो पार्टी बदलने वाले हैं. वहीं, जब उनसे जगदानंद सिंह के इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा. बातों को इधर उधर घ्ुमाते रहे और फिर चलते बने.