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26 साल से कैद में हैं संकट हरण करने वाले संकटमोचन, 42 लाख देकर छूटेंगे हनुमान

भोजपुर, एसपीएन : भोजपुर जिले के कृष्णागढ़ थाना में भगवान हनुमान और वरूण की मूर्ति 42 लाख जमानत की राशि नहीं देने पर 26 वर्षों से मालखाने में बंद है. कोर्ट ने मूर्ति की जमानत के लिए 42 लाख रुपये जमा करने की शर्त रखी है. जिसके चलते अबतक कोई भी सामने नहीं आया है. अब बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष किशोर कुणाल ने मूर्ति के जमानत करवाने की बात कही है. जल्द ही भगवान मालखाने से निकलकर मंदिर में विराजमान होंगे और लोगों को दर्शन देंगे.

किशोर कुणाल करवाएंगे पुन: स्थापित

26 वर्षों से थाने में बंद भगवान हनुमान और वरूण देवता की मूर्ति को जमानत मिलने वाली है. जमानत की कदावायद में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल पूरे जोरशोर से लगे हुए हैं. आचार्य किशोर कुणाल ने भोजपुर एसपी से थाने में बंद हनुमान जी और वरूण देवता की जमानत को लेकर बातचीत की है और कानूनी प्रक्रिया के तहत वह जल्द ही हनुमान जी को थाना स्थित मालखाने की कैद से छुड़ाकर मंदिर में पुन: स्थापित करवाएंगे.

1994 में हुई थी मूर्तियों की चोरी

दरअसल, यह पूरा मामला बड़हरा प्रखंड के कृष्णागढ़ ओपी अन्तर्गत गुंडी गांव स्थित दक्षिण पंथ पर आधारित श्री रंगनाथ स्वामी जी मंदिर से जुड़ा हुआ है. मंदिर में स्थापित भगवान हनुमान और वरुण देवता की अष्ट धातु से निर्मित मूर्ति 1994 में अज्ञात चोरों के द्वारा चोरी कर ली गई थी. जिसके बाद मंदिर प्रबंधन के द्वारा कृष्णागढ़ ओपी में चोरी का मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद 1996 में पुलिस ने आरा नगर क्षेत्र के सिंगही इलाके के एक कुएं से भगवान हनुमान और वरुण देवता की मूर्ति को बरामद किया.

जमानत की कबायद हुई तेज

बरामदगी के बाद  पुलिस ने मूर्ति की जब्ती सूची बनाकर चोरी गई दोनों मूर्तियों को माल खाने में रख दिया और कोर्ट ने बरामद मूर्ति का मूल्यांकन करीब 42 लाख रुपए मानकर इसकी जमानत की शर्त रख दी. इसके बाद से आज तक भगवान हनुमान और वरुण देवता की मूर्ति कृष्णगढ़ थाने के माल खाने में जमानत की आस में बंद पड़ी है. इधर, कुछ दिनों से फिर माल खाने में रखे मूर्तियों की जमानत कराने की चर्चा तेज होने लगी है.

भक्तों को जल्द दर्शन देंगे पवन पुत्र

हालांकि, उनके द्वारा कहा ऐसा भी गया है की जमानत की राशि जमा कर दी जाएगी लेकिन मंदिर में इन दोनों मूर्तियों को स्थापित करने के बाद इनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी स्थानीय प्रशासन को लेनी होगी. बहरहाल, लोगों की संकट का हरण करने वाले संकटमोचन हनुमान और वरुण देव 26 वर्ष तक खुद संकट झेल जमानत की आस लगाए बैठे हैं कि कब कोई आएं और उनकी जमानत करवाए. ताकि, वो इस बंद काल कोठरी से बाहर निकल भक्तों को दर्शन दें.

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