लो आ गए मेरे सरकार लेकिन मैं नहीं आया, खूब गिनाई उपलब्धियां पर खाली रहीं कुर्सियां
सुशील, भागलपुर : केंद्र में आठ साल पूरा होने पर भाजपा पूरे देश में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के नाम पर जगह जगह आम सभाएं कर सरकार की उपलब्धियां गिना रही है. कहने को तो यह आम सभा है लेकिन यह अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी है, जिसके लिए कार्यकर्ताओं को वार्मअप किया जा रहा है.
सभा में नहीं पहुंचे कार्यकर्ता
तय कार्यक्रम के अनुसार 13 जून को भागलपुर के लाजपत पार्क में भी सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के बहाने आमसभा का आयोजन किया गया. केंद्रीय व राज्य मंत्री के साथ दर्जन भर विधायकों ने शिरकत की. लेकिन इतने तामझाम के बावजूद जितनी भीड़ मंच पर थी उतनी भीड़ श्रोताओं या कार्यकर्ताओं की नहीं थी. सभा शुरू होने के पहले ही ज्यादातर महिलाएं और कौशल विकास केंद्र से लाए गए छात्र निकल लिए.
जदयू को किया नजरअंदाज
मंच पर नेताओं का जमावड़ा तो था, लेकिन कार्यकर्ता नदारद थे. स्लोगन भले ही सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण का था, लेकिन सुशासन का एक भी सुरमा(जदयू कार्यकर्ता) मंच पर मौजूद नहीं था. जश्न एनडीए की उपलब्धियों की और प्रमुख घटकदल का इस प्रकार नजर अंदाज किया जाना समझ से परे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा जेडीयू से दूरी बनाना चाहती है. आने वाले लोकसभा चुनाव में नीतीश नहीं अपनी शर्तों पर भाजपा मैदान में उतरेगी.
अश्विनी चौबे ने नहीं की शिरकत
दो दिनों से घूम-घूमकर सभा को सफल बनाने का आह्वान करने वाले केंद्रीय वन राज्यमंत्री अश्विनी चौबे खुद सभा से नदारद थे. सभा में डिप्टी सीएम समेत कई अन्य हैविवेट नेताओं के आगमन की सूचना थी लेकिन वे नहीं आए. हालांकि, उनके बेटे अर्जित शाश्वत चौबे वहां मौजूद थे. प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बारी बारी से केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाई और अपनी पीठ थपथपाई.
एनडीए में ऑल इज नॉट वेल
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भाजपा के जिला व प्रदेश नेताओं ने जी तोड़ मेहनत तो की पर भीड़ नहीं जुटी. पूरे ज़िले में बड़े बड़े होर्डिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय और प्रदेश मंत्रियों के फोटो के साथ प्रमुख चौक-चौराहों पर लगाए गए थे. केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और उद्याोग राज्य मंत्री शाहनवाज हुसैन की सक्रियता के बावजूद जनता तो दूर कार्यकर्ताओं का नहीं पहुंचना कई सवाल खड़े करता है. कार्यक्रम के दो घंटा पहले अश्विनी चौबे का अचानक भागलपुर से चला जाना इस बात का संकेत है कि ऑल इज नॉट वेल.