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अंतरराष्ट्रीय बाजारों में फैलेगी जरदालू आम की मिठास, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन में डिमांड

एसपीएन,पटना: भागलपुर का फेमस जरदालू आम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बाद भारत के अलावा विदेशी बाजार में भी उपलब्ध होगी. यही नहीं जीआई टैग प्राप्त मुजफ्फरपुर का शाही लीची को जल्द ही एपीईडीए ने इन्हे मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन और कतर भेजने की तैयारी पूरी कर ली है.

किसान उत्पादक संगठनों के साथ बैठक

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने हाल ही में भागलपुर के जरदालू और शाही लीची को बढ़ावा देने के लिए बिहार स्थित किसान उत्पादक संगठनों के साथ मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन, कतर, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात के अंतरराष्ट्रीय फल निर्यातकों और आयातकों की एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की थी. एपीईडीए के क्षेत्रीय प्रभारी सी बी सिंह ने बताया कि बिहार फल और सब्जी विकास निगम के सहयोग से एपीईडीए जल्द ही मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन और कतर को काफी मात्रा में जरदालू आम और शाही लीची के साथ नमूना खेप भेजेगा.

यूरोपीय और खाड़ी देशों में जरदालू कमी धूम

पिछले साल एपीईडीए ने जीआई टैग प्राप्त भागलपुर के जरदालु आमों और शाही लीची के नमूना शिपमेंट को कई यूरोपीय और खाड़ी देशों में भेजा था. इसे भेजने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने कहा महाराष्ट्र से अल्फांसो आम, गुजरात से केसर, आंध्र प्रदेश से बनगनपल्ली और उत्तर प्रदेश से बनारसी लंगड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचे जाते हैं, एपीईडीए बिहार के लंगड़ा आम और शाही लीची को मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन और कतर के विदेशी बाजारों में बढ़ावा देना चाहता है.

एपीईडीए को मिली है निर्यात की जिम्मेदारी

शाही लीची की पहली खेप को बहरीन और कतर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यह पहली बार है जब बिहार की लीची बहरीन और कतर भेजी जा रही है. एपीईडीए और बीएफवीडीसी लंगड़ा और जरदालू आमों और शाही लीची की खेपों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भेजने की प्रक्रिया को अधिक किफायती बनाने पर भी काम कर रहे हैं क्योंकि तटीय राज्यों के आमों को विदेशी बाजारों में भेजने की लागत कम है. लंगड़ा आम मुख्य रूप से बिहार के गंगा के मैदानी इलाकों में उगाए जाते हैं. बता दें कि एपीईडीए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक शीर्ष संगठन है जिसे भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात के प्रचार और विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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