अग्निपथ की आग में कूदे एनडीए के बयानवीर, बिहार में कहीं जल न जाय गठबंधन की डोर

सुशील, पटना : बिहारमें अग्निपथ योजना के विरोध में धधक रही आग में अब एनडीए के नेता भी झुलसने लगे हैं और इसकी आंच का असर अब गठबंधन पर भी दिखने नगा है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जयसवाल ने राज्य प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा बिहार में सुनियोजित ढंग से साजिश की गई है. इसके बाद नीतीश कुमार की पार्टी के राष्ट्रीय नेता जवाब देने मैदान में उतर गए.
अग्निपथ को सेना में बड़े बदलाव की पहल
भाजपा कार्यालयों, नेताओं और विधायकों पर हुए हमले के बाद भड़के संजय जायसवाल ने कहा कि बीजेपी को टारगेट किया जा रहा, प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में है. उन्होंने कहा कि नवादा सहित कई जिलों में भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ पुलिस के सामने की गई. पुलिस की मौजूदगी में भाजपा के परिसरों को निशाना बनाया गया. जायसवाल ने कहा कि अगर पुलिस प्रशासन एक्टिव रहती तो जिस तरह की हिंसा बिहार में हुई है वह नहीं होती . अग्निपथ को सेना में बड़े बदलाव की पहल बताते हुए उन्होंने युवाओं से बहकावे में नहीं आने की अपील है.
मानसिक संतुलन खो बैठे हैं जयसवाल
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को जवाब देने के लिए खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह व संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा इस आग में कूद गए हैं. जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पर निजी वार करते हुए कहा जायसवाल ने अपना संतुलन खो दिया है. ललन सिंह ने कहा उनको सवाल करने के पहले अपनी नीतियों को देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार हमेशा ही गुड गवर्नेस के लिए जाने जाते हैं. उन्हें पता है कि सरकार कैसे चलाना है. जायसवाल को जदयू को समझाने के बदले लोगों को समझाना चाहिए.
उपेन्द्र कुशवाहा ने भी मारा ताना
वहीं जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि संजय जायसवाल की बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं. ये पहले भी कई मुद्दों पर हल्की बातें कर चुके हैं. अगर संजय जायसवाल को कोई दिक्कत है तो डीजीपी को आवेदन दें. उन्होने कहा कि केंद्र सरकार रोजगार से जुड़ी किसी योजना की घोषणा से पहले उसके संभावित परिणाम का आकलन करे. बेरोजगारों की बड़ी आबादी को विश्वास में ले, ताकि उन्हें लगे कि सरकार की योजना उनके हित में है.
जदयू ने सुरक्षा को लेकर उठाए सवाल
अग्निपथ स्कीम को लेकर बिहार में छात्रों के निशाने पर आए वहीं बीजेपी के 12 नेताओं की सुरक्षा सुरक्षा बढ़ाए जाने पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि बीजेपी नेताओं की उनकी सुरक्षा से ज्यादा जरूरी छात्रों के भविष्य की सुरक्षा है. युवाओं के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो इस दिशा में सार्थक पहल होनी चाहिए. देश के भविष्य को यदि मन में संशय हो गया या फिर किसी तरह की आशंका सता रही हो तो कम से कम उनसे बात करनी चाहिए कि आखिर क्या परेशानी है। युवाओं के भविष्य की सुरक्षा का भी दायित्व सबकों है.
अग्निपथ की आग में सेंक रहे हैं रोटी
हिंसक प्रदर्शन के बीच अग्निपथ की इस आग में हम के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी अपनी रोटी सेंकने मैदान में उतर गए हैं. उन्होंने अग्निपथ स्कीम को लेकर भाजपा को निशाने पर लिया है. उन्होंने ट्वीट किया है. अग्निपथ स्कीम राष्ट्रहित एवं युवा हित के लिए खतरनाक कदम है जिसे अविलंब वापिस लेना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह है कि अविलंब अग्निपथ स्कीम को खत्म कर पुरानी सेना भर्ती योजना को शुरू करने की घोषणा करें. इससे देश में बेरोजगारी और बढ़ेगी साथ ही युवाओं में असंतोष बढ़ेगा
अग्निपथ के बहाने क्या करेंगे किनारा
सवाल यह उठता है कि क्या बिहार में सत्ताधारी गठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. क्या बीजेपी को आने वाले दिनों में नीतीश कुमार फिर झटका दे सकते हैं. बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच तनातनी की खबरें बराबर आती रहती हैं. कई मुद्दों पर दोनों पार्टियों के बीच तकरार भी देखने को मिली है. जाति गणना और कई अन्य मुद्दों पर नीतीश कुमार की बीजेपी से तल्खी और तेजस्वी यादव से नजदीकी देखने को मिली. क्या नीतीश कुमार अग्निपथ आंदोलन की आड़ में बीजेपी से किनारा करने के मुड में तो नहीं है.