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विधान परिषद चुनाव को लेकर महागठबंधन में दरार, एनडीए में रार, कांग्रेस ने भी ठोंकी ताल

राज्य सभा चुनाव के बाद बिहार में विधान परिषद चुनाव विधान परिषद चुनाव को लेकर पहले से दावेदारी शुरू हो गई है. जदयू की ओर से विधान परिषद की 2 सीटों पर दावा किया गया है. वहीं, जदयू के दावों पर भाजपा की ओर से गोलमोल जवाब दिया गया है. विधान परिषद चुनाव को लेकर अभी एनडीए में शामिल हम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

एसपीएन, पटना : बिहार में विधान परिषद के 7 सीटों के लिए 20 जून को मतदान होने हैं. 2 जून से नामांकन शुरू हो गया है. नामांकन करने की अंतिम तिथि 19 जून 2022 है. जबकि स्कूटनी की तारीख 10 जून 2022 तय की गई है. प्रत्याशी अपने नाम वापस 13 जून 2022 तक ले सकते हैं. 20 जून को मतदान उसी दिन मतगणना होगी.

चौथी सीट के लिए जदयू  ने ठोंका दावा

संख्या बल के हिसाब से भाजपा अपने दो उम्मीदवार और जदयू अपने एक में उम्मीदवार को जिता सकती है. भाजपा और जदयू को मिलकर चौथे उम्मीदवार को जिताना होगा. चौथी सीट को लेकर जदयू की ओर से दावा ठोका गया है. ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा है कि जदयू को 2 सीटें मिलनी चाहिए. वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने चौथे सीट के सवाल पर कहा कि इस पर भाजपा और जदयू के प्रदेश स्तर के नेता मिल बैठकर फैसला ले लेंगे. प्रयास यह होगा कि 2-2 का हिस्सा हो जाए. जदयू के हिसाब से चार सीटें एनडीए की होगी और यहां कोई पार्टी नहीं एनडीए साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी और चारों सीट पर एनडीए के उम्मीदवार जीतकर आएंगे.

जेडीयू को उठाना पड़ेगा नुकसान

इस चुनाव में सबसे ज्यादा घाटा एनडीए में शामिल जेडीयू को उठाना पड़ सकता है. विधान परिषद के 7 सीट जुलाई में खाली हो रहे हैं जिसमें से 5 सीट जदयू के हैं और 2 सीट बीजेपी का है. ऐसे में जदयू को 2 सीट मिलने के बाद भी 3 सीट का नुकसान होना तय है. विधान परिषद में जदयू के पास 2 आरजेडी के पास 2, बीजेपी कांग्रेस और वीआईपी के पास एक एक सीट थी. बाद में आरजेडी के विधान पार्षद और कांग्रेस के एक मात्र एमएलसी जदयू में शामिल हो गए. वहीं आरजेडी के दो विधायक जीतने के बाद उसके पास 14 वोट बचते हैं. जिसके बाद वाम दलों के 16 वोटों को जोड़ने के बाद ये आंकड़ा 30 हो जाता है. ऐसे में आरजेडी तीसरे सीट पर दावेदारी कर सकती है.

महागठबंधन को हासिल होगी 3 सीटें

वहीं नंबर के अनुसार अपने विधायकों को जीताने के बाद भाजपा के पास 15 व जदयू के पास 14 वोट बचेंगे. हम के चार व एक निर्दलीय वोट को जोड़कर एनडीए की चौथी सीट भी तय मानी जा रही है. विधानसभा में भाजपा के 77, राजद के 76, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, भाकपा (माले) के 12, सीपीआई के दो, एमआईएमआईएम के पांच, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के चार, सीपीएम के दो और निर्दलीय विधायकों की संख्या एक है. नए समीकरण के मुताबिक एनडीए को 4 और आरजेडी की महागठबंधन को 3 सीटें हासिल होती दिख रही हैं.

कांग्रेस ने भी तरेरी आंखें

विधान परिषद चुनाव में आरजेडी को फायदा हो रहा है. ऐसे तीनों सीट पर आरजेडी की तरफ से उम्मीदवार दिए जाने के कारण महागठबंधन खेमे में भी नाराजगी है. राष्ट्रीय जनता दल ने अकेले ही उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया तो कांग्रेस ने भी आंखें दिखा दी हैं. एक बार फिर महागठबंधन में कलह खुलकर सामने आ गई. कांग्रेस ने लेफ्ट के सहयोग से उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। ऐसे में तेजस्वी यादव ने भी दबाव बढ़ाने के लिए ‘ओवैसी दांव’ चलने का प्लान बना रहे हैं. आरजेडी की एआईएमआईएम के साथ करीबी बढ़ रही है और इसके पीछे मुख्य वजह कांग्रेस और लेफ्ट को संदेश देना है.

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