बिहार आ रहे हैं केसीआर, ताबूत में ठोकेंगे कील या नीतीश के लिए बनेंगे कांटा
एसपीएन, पटना : कहा जा रहा है कि तेलंगाना के सीएम केसीआर पटना में गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के परिवारों और तेलंगाना में एक हादसे में मारे गए बिहार के मजदूरों के परिवार को आर्थिक सहायता देने आ रहे हैं. लेकिन राजनीति का ककहरा जानने वाले भी कहेंगे केसीआर का बिहार दौरा राजनीतिक है.
पीएम केसीआर या नीतीश कुमार
बिहार जहां कुछ दिन पहले ही राजनीतिक परिदृश्य बदला है उसके बाद आसानी से समझा जा सकता है कि चंद्रशेखर राव का यह दौरा पूरी तरह से राजनीतिक है. अब जब एनडीए से नीतीश कुमार अलग हो गए है तो केसीआर एकबार फिर सक्रिय हैं और बिहार दौरे पर आ रहे हैं. अब विपक्ष के उम्मीदवार के तौर वह खुद को आगे करना चाहते हैं या नीतीश कुमार को इसके संकेत बुधवार को मिल सकते हैं. केसीआर लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से चर्चा करेंगे.
तेजस्वी को बुलाया हैदराबाद
दरअसल पिछले महीने एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार देश की सभी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने की बात कर रहे हैं. पिछले दिनों केसीआर ने तेजस्वी यादव को चार्टर्ड प्लेन भेजकर हैदराबाद बुलाया था. तब वहां राहुल गांधी भी पहुंचे थे. बहाना किताब विमोचन का था लेकिन इसके राजनीतिक मायने स्पष्ट थे.
क्या केसीआर नीतीश पर सहमत हैं?
पलटी के बाद बदला परिदृश्य
और अब जब नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया है तब केसीआर उनसे मिलने पटना पहुंच रहे हैं. लेकिन इसके बाद यह सवाल उठता है कि जब बिहार में नीतीश कुमार को पीएम फेस बताया जा रहा है. जेडीयू के साथ अब तेजस्वी यादव भी उन्हें मजबूत दावेदार बता रहे हैं. तो क्या केसीआर भी नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बनाने के लिए तैयार है.
उम्मीदवार की तलाश में है विपक्ष
कुछ दिनों पहले जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष उम्मीदवार की तलाश कर रहा था तब तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की ओर से कहा गया था कि विपक्षी दल नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाएं. तब उन्होंने इसके लिए विपक्षी दलों से समर्थन की मांग भी की थी लेकिन यह तब धरातल पर नहीं उतर पाया. नीतीश ने राष्ट्रपति बनने से स्पष्ट इंकार कर दिया था.
मुलाकात पर बीजेपी की पैनी नजर
इधर, ये भी चर्चा है कि तेलंगाना में सक्रिय बीजेपी केसीआर से नीतीश की मुलाकात के मायने तलाशने में जुट गई है. पार्टी के कई नेताओं को इस काम पर लगा दिया गया है कि आखिर केसीआर से नीतीश की मुलाकात किन मुद्दों पर होती है और क्या चर्चा होती है. इधर पूरे देश में नीतीश कुमार की छवि एक बार फिर महागठबंधन के साथ जाने के बाद अलग तरह की बनी है.