हिंसक आंदोलन के बाद अग्निपथ पर सियासत कल बिहार बंद को महागठबंधन का समर्थन
सुशील, पटना : अग्निपथ पर पर बिहार में जहां आरजेडी और जाप जैसी पार्टियां प्रदर्शनकारियों के साथ सड़क पर है तो वहीं सरकार में भी इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही है. जीतनराम, और नीतीश सरकार के मंत्री ने अग्निपथ योजना पर निशाना साधा तो अपने घर पर हमले के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा जैसी कार्रवाई प्रशासन को करनी चाहिए थी वैसी कार्रवाई नहीं की गई.
जेडीयू ने अग्निपथ पर छोड़ा साथ
दरअसल, बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने अग्निपथ मामले पर साथ छोड़ दिया है. जेडीयू ने इसे गलत करार देते हुए केंद्र से वापस लेने की मांग कर दी है. अग्निपथ को लेकर जारी विरोध का खामियाजा बीजेपी नेताओं को उठाना पड़ रहा है. पिछले चौबीस घंटे में डिप्टी सीएम समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं को टारगेट कर हमले किये गए. कई विधायकों के आवास को निशाना बनाया गया। और पुलिस मुकदर्शक बनी रही.
विधायक विनय बिहारी पर हमला
आज बेतिया के लौरिया से भाजपा विधायक विनय बिहारी पर हमला हुआ. सैकड़ों की संख्या में उपद्रवियों ने उन्हें घेर लिया। हंगामा कर रहे लोगों ने उनके गाड़ी को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। विधायक उसमें मौजूद थे. शुक्रवार को डिप्टी सीएम रेणु देवी के आवास पर उपद्रवियों ने हमला बोल दिया. हालांकि रेणु देवी अपने बेतिया आवास पर नहीं थी. लेकिन, उपद्रवियों ने घर में तोड़फोड़ और वहां रह रहे लोगों के साथ हाथापाई भी की.
18 जून को बंद रहेगा बिहार
इस बीच योजना के विरोध में छात्र-युवा संगठन आइसा-इनौस, रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा और सेना भर्ती जवान मोर्चा ने 18 जून को बिहार बंद का आह्वान किया है. 18 को बिहार बंद का आरजेडी और वामदलों ने भी समर्थन किया है. उन्होंने मांग की जिस तरह कृषि कानून को वापस लिया गया उस तरह इस योजना को अविलंब रद्द किया जाए. वाम दलो के नेताओं के साथ ऐलान करते हुए जगंदानंद सिंह ने कहा कि छात्रों की तरफ से बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया जाएगा.
जदयू ने उठाए सवाल
ललन सिंह अग्निपथ स्कीम पर सवाल खड़े कर रहे हैं, जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार को अग्निपथ स्कीम पर स्पष्टता लानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसको लेकर छात्रों में बिहार समेत पूरे देश में असंतोष का भाव है. इसके बाद जगह-जगह हिंसक घटनाएं भी सामने आ रही है. सरकार को इसपर संज्ञान लेनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार छात्रों को दिलाशा दिलाए कि इस फैसले से उनके करियर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.