कास्ट सेंसस पर तेजस्वी के क्रेडिट पर गिरिराज का वार, रोहिंग्या और घुसपैठिए नहीं हो शामिल

एसपीएन, पटना :
एसपीएन, पटना : जातीय जनगणना पर बिहार में पिछले कई महीनों से सियासत जारी है. सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग तेजस्वी यादव के द्वारा बार-बार की जा रही थी. जिसके बाद 1 जून मंगलवार को शाम 4 बजे सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें निर्णय किया गया कि बिहार में जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी. वहीं अपने कट्टर हिंदुत्व रुख के लिए माने जाने वाले, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कास्ट सेंसस से बांग्लादेशी, रोहिंग्या या किसी दूसरे देश के अवैध निवासी को इससे बाहर रखने की मांग कर एक नई बहस छेड़ दी.
कैबिनेट से ली जाएगी स्वीकृति
इसके लिए मसौदा तैयार किया जा रहा है. इस मसौदे को प्रस्ताव के रूप में कैबिनेट में लाया जाएगा और समय सीमा के साथ-साथ इसमें खर्च होने वाली राशि पर भी कैबिनेट से स्वीकृति ली जाएगी. उसके बाद क्रेडिट लेने की सियासत बिहार में तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव शुरू से ही जाति आधारित जनगणना कराए जाने की मांग करते रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से भी जातिगत जनगणना की सूची प्रकाशित करने की मांग की थी. जब राजद की ओर से आंदोलन की चेतावनी दी गई. उसके बाद राज्य सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने पर अपनी सहमति दी.
नवंबर महीने से हो सकता है शुरू
तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय जनगणना कराने में काफी खर्च होगा, इसलिए यह खर्च केंद्र सरकार वहन करे. बिहार में 40 में 39 सांसद एनडीए के हैं. सभी मिलकर संसद में यह मांग उठाएं. जातीय जनगणना कराए जाने पर लीगली कोई बाधा न हो, इस पर भी सरकार ध्यान दे. साथ ही तेजस्वी यादव ने सरकार के द्वारा अगले कैबिनेट में जातिगत जनगणना प्रस्ताव लाने की मांग करते हुए कहा कि इसे नवंबर महीने के पहले शुरू करा दिया जाए, ताकि बिहार से बाहर रहने वाले लोग जब त्योहारों में घर आएं, तो उनकी भी गणना हो सके.
डिप्टी सीएम भी बैठक में थे मौजूद
बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि जनगणना के लिए समय सीमा भी तय होगी. सभी ने सर्वसमिति से फैसला किया कि हम लोगों की राय को ड्राफ्ट का रूप देकर कैबिनेट में लाया जाएगा. सभी ने राय दी है कि जातीय जनगणना कराई जाए. किसी ने भी इसे लेकर विरोध नहीं किया है। कैबिनेट के माध्यम से एक समय सीमा के भीतर इसे पूरा कराया जाएगा. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाजपा की ओर से डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद, प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव,सांसद मनोज झा,एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान, कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा, माले विधायक महबूब आलम बैठक में मौजूद थे.
धर्मांतरण विरोधी कानून की जरूरत
वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के जाति सर्वेक्षण कराने से इनकार करने के बावजूद उन्होंने राज्य सरकार के जाति सर्वेक्षण के कदम का पूरा समर्थन किया. बिहार में जातीय जनगणना की बात करते हुए सिंह ने कहा कि चाहे वे बांग्लादेशी हों, रोहिंग्या या किसी दूसरे देश के अवैध निवासी हों, उन्हें इससे बाहर रखा जाना चाहिए. गिरिराज का कहना है कि ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ की वजह से उन्हें दूसरी पार्टियां बाहरी नहीं मानती हैं. लगे हाथ उन्होंने यह भी मांग कर डाला देश में एक मजबूत धर्मांतरण विरोधी कानून की जरूरत है.
तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा विपक्ष
उन्होंने कहा, “पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का लाभ उठाने वाले मुसलमानों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने 1990 के दशक में दायर एक याचिका का हवाला देते हुए दावा किया कि बिहार के 11 जिलों में अवैध प्रवासियों की आबादी लगभग चार लाख थी और उन्हें इस जनगणना में शामिल नहीं करना चाहिए. उन्होंने अवैध प्रवासियों को घुसपैठिया बताते हुए कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से उन्हें लोग इस नाम से नहीं बुलाते हैं. उन्हें भी इसमें शामिल करने की जरूरत नहीं है.