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आरसीपी की जगह लेंगे ललन, मोदी के भाव देने से बिहार का सियासी बाजार गरम

एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के दौरान पीएम मोदी ने ललन सिंह को आवाज दी, और कहा कि ललन जी यहां आइए। दिग्गजों की भरी महफिल में खुद पीएम नरेंद्र मोदी का ये लहजा चर्चा का विषय बन गया.

 

नई दिल्ली, पटना : बिहार में बीजेपी और जेडीयू में जुबानी जंग के बीच राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के दौरान हुए एक वाकये ने दिल्ली से लेकर बिहार तक सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है. बीजेपी के तमाम दिग्गजों के जब बारी आयी पहली पंक्ति में बैठने की, तो कई नेताओं को पीछे की कुर्सी देकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को आगे बुलाया.

नरेंद्र के बगल में बैठे ललन

बिहार में एनडीए की सरकार चल रही है. हालांकि बीच-बीच में जेडीयू और बीजेपी के नेता एक-दूसरे पर वार करने से नहीं चूकते हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल काफी आक्रामक हैं. सरकार के काम काज के साथ-साथ जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र कुशवाहा पर वार करते नजर आ रहे हैं. इससे उलट दिल्ली में जो नजारा दिखा वह साफ बताता है कि पीएम मोदी सहयोगी जेडीयू को किस तरह तरजीह देते हैं. पीएम मोदी ने कहा, ‘ललन जी, इधर आइए.’ आगे की पंक्ति में पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और ललन सिंह मौजूद थे.

बने द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावक

इसके अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस पीछे और बगल की सीटों पर बैठे हुए थे. पीएम मोदी ने ललन सिंह को आगे की पंक्ति में बिठाकर बड़ा संदेश दे दिया. यहां यह बताना भी जरूरी है कि जब रात में बीजेपी की ओर से एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का नाम आगे किया गया तो सुबह होते ही जेडीयू ने समर्थन किया था. ललन सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हैं इसलिए पार्टी द्रौपदी मुर्मू के साथ है. इतना ही नहीं ललन सिंह द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावक भी बने.

विशेषाधिकार पीएम मोदी का

वैसे तो बिहार सीएम नीतीश कुमार ही इस फैसले को लेंगे कि जेडीयू से कोई मंत्री बनेगा या नहीं और बनेगा तो कौन. यह विशेषाधिकार पीएम मोदी का है और सब उनके हिसाब से ही होगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के मंत्रियों के लिए बातचीत का काम पिछली बार नीतीश ने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर आरसीपी सिंह के हाथ में छोड़ दिया था और वो अकेले मंत्री बन गए. लेकिन पीएम मोदी के ऐसा करने से दिल्ली दरबार में ललन सिंह का भाव बढ़ गया है. कयास लगाया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रीमंडल से आरसीपी की ‘छुट्टी’ होने के बाद ललन सिंह को मौका मिल सकता है.

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