शहीद रामानुज को सरकार से नहीं मिला सम्मान, श्रद्धांजलि देने एयरपोर्ट नहीं पहुंचे मंत्री
एसपीएन, पटना : लद्दाख में जान गंवाने वाले वीर शहीद रामानुज यादव के पार्थिव शरीर को नीतीश सरकार की ओर से कोई भी मंत्री नहीं आया. इसे लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है और सोशल मीडिया पर भी अपना गुस्सा उतारा. रविवार को पटना एयरपोर्ट से पालीगंज के रामानुज का पार्थिव शरीर जब उनके गांव के लिए रवाना हुआ तो लोग नम आंखों से उन्हें विदाई देने आए. राष्ट्र रक्षा में जान गंवाने वाले वीर बलिदानी बेटे को याद कर लोग भावुक हो गए.
रामकृपाल यादव ने दी श्रद्धंजलि
पटना एयरपोर्ट पर सत्ताधारी गठबंधन की ओर से रामकृपाल यादव जरुर दिखे. उन्होंने पटना एयरपोर्ट पर शहीद को श्रद्धांजलि दी. रामकृपाल ने कहा, देश और बिहार ने भारत माता के सच्चे और बहादुर सपूत को खो दिया है. आज मैं काफी मर्माहत और विचलित हूं. ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनके पिता ललन यादव सहित पूरे परिवार को इस संकट की घड़ी में ईश्वर धैर्य प्रदान करें. हालांकि राज्य सरकार के किसी मंत्री के नहीं आने से लोगों में खासा गुस्सा देखने को मिला.
7 जवानों की हुई थी मौत हो गई
एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ साथ राज्य के पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री के तरफ से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, सांसद रामकृपाल यादव के साथ कई अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके गांव अंत्येष्टि के लिए पालीगंज भेजा गया जहां राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि होगी. बता दें कि शुक्रवार को लद्दाख में हुए हादसे में रामानुज की मौत हो गयी. वीर रामानुज जिस गाड़ी में सफर कर रहे थे वह वाहन श्योक नदी में गिर गया.
हादसे में 7 जवानों की मौत हो गई जबकि 19 सैनिक घायल हो गए.
मराठा रेजीमेंट में हुआ था चयन
मृत जवानों में पटना के पालीगंज प्रखंड के परियों गांव के 24 वर्षीय रामानुज यादव भी शामिल हैं. गांव में रामानुज की मौत की खबर मिलते ही पुरे गांव में मातम पसर गया. शोक संतप्त परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. अपने बेटे को खोने के गम में पूरा गांव गमगीन है. बेटे की मौत की खबर मिलते ही रामानुज के पिता की तबीयत भी खराब हो गई. तीन भाइयों रामानुज सबसे छोटे थे. रामानुज का चयन महाराष्ट्र मराठा रेजीमेंट में 2016 में हुआ था.