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केंद्र में मंत्री बनेंगे मुकुल राय या ममता का थामेंगे दामन, यह तो बताएंगे अमित शाह

एसपीएन, कोलकाता। मुकुल रॉय के एक बार फिर से तृणमूल कांग्रेस में वापसी के दावे कितने सही हैं और कितने गलत. यह तो वही बताएंगे और आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन यह बात भी सच है कि कहीं ना कहीं मुकुल रॉय पार्टी से नाराज हैं. भाजपा की ओर से भी मुकुल रॉय को मनाने की तमाम कोशिश की जा रही है. राजनीतिक कयास बाजी यह भी है कि मुकुल रॉय को केंद्र में बुलाया जा सकता है और उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.

संक्रमित होने के बाद पार्टी ने नहीं ली कोई खैर-खबर

नाराजगी का कारण यह माना जा रहा है कि मुकुल रॉय और उनकी पत्नी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लेकिन पार्टी की ओर से शुरू में कोई खैर-खबर नहीं ली गई. पार्टी की सक्रियता उसके बाद बढ़ी जब तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी अस्पताल में जाते हैं और फिर दोनों का हाल-चाल पूछते हैं. इसके लिए मुकुल राय के बेटे ने ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी का धन्यवाद भी किया है. मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने कहा कि मैं आभारी हूं ममता बनर्जी का जिन्होंने मेरे पिताजी का हालचाल जाना. उनका परिवार जरूरत के समय हमारे साथ है. लेकिन इसके बाद शुभ्रांशु रॉय ने जो बयान दिया वह वाकई चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल बंटवारे की सियासत पसंद नहीं करता और मैं समझता हूं कि राजनीति में कुछ भी संभव है.

पीएम ने फोन कर बीमार पत्नी का पूछा हालचाल

हालांकि इन सब घटनाक्रम के बाद भाजपा सक्रिय हुई खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुकुल रॉय को फोन कर उनकी बीमार पत्नी का हालचाल पूछा. शुभ्रांशु ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सुबह साढ़े दस बजे फोन पर मेरे पिताजी से बात की और मां का हालचाल पूछा. पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप भी अस्पताल पहुंचे. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि पिता के साथ भाजपा में शामिल हुए शुभ्रांशु ने हाल ही में ट्वीट किया था कि जनादेश पाकर सत्ता में आयी सरकार की आलोचना करने से पहले लोगों को आत्मावलोकन करना चाहिए. ऐसा माना जा रहा है कि यह पोस्ट भाजपा पर निशाना था.

नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाना नाराजगी का कारण

मुकुल रॉय की नाराजगी का एक कारण यह भी है कि उन्होंने भी विधानसभा का चुनाव जीता था परंतु शुभेंदु अधिकारी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया. मुकुल रॉय का मानना है कि वह पार्टी में काफी पहले से हैं और विषम परिस्थितियों में पार्टी के लिए पश्चिम बंगाल में संघर्ष किया है. हालांकि पश्चिम बंगाल में फिलहाल तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेताओं की घर वापसी होने लगी है. मुकुल रॉय कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सबसे करीबी नेताओं में शुमार रहे थे.

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