खाली किया सरकारी आवास पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे उद्धव ठाकरे
एसपीएन, डेस्क : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है, लेकिन वह सीएम पद पर बने रहेंगे. उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें पद का कोई मोह नहीं है. अगर बागी विधायक उनके सामने आ जाएं और आमने-सामने बैठकर बात करें, तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे.
बागी विधायकों को सुलह का प्रस्ताव
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह करने वाले बागी विधायकों को सुलह का प्रस्ताव किया. उन्होंने कहा कि यदि कोई शिवसैनिक उनकी जगह लेता है तो उन्हें खुशी होगी. सरकार पर आए संकट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर बागी विधायक यह घोषणा करते हैं कि वह उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं.
अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए तैयार उद्धव
उन्होंने 18 मिनट लंबे वेबकास्ट में विद्रोही नेताओं व आम शिवसैनिकों से भावुक अपील की. उन्होंने अनुभवहीन होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि पिछले साल के अंत में रीढ़ की सर्जरी के कारण वह लोगों से ज्यादा नहीं मिल सके. उन्होंने कहा कि अगर शिवसैनिकों को लगता है कि वह (ठाकरे) पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं तो वह शिवसेना के अध्यक्ष का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं.
शिवसैनिक ही हो मेरा उत्तराधिकारी
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर किसी शिवसैनिक को अपना उत्तराधिकारी देखकर उन्हें खुशी होगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के कई दशकों तक शिवसेना के राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद महा गठबंधन अस्तित्व में आया. उन्होंने कहा, ‘अगर मेरे अपने लोग मुझे नहीं चाहते, तो मैं सत्ता से चिपके रहना नहीं चाहता. मैं अपने त्याग पत्र के साथ तैयार हूं, अगर कोई बागी सामने आकर मुझसे कहे कि वह मुझे मुख्यमंत्री के रूप में नहीं चाहता. तो मैं भी शिवसेना अध्यक्ष पद भी छोड़ने के लिए तैयार हूं.
शिवसेना की सांस है हिंदुत्व
इन दिनों चर्चा हो रही है कि शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की पार्टी नहीं रही और हिंदुत्व छोड़ रही है.’ उन्होंने कहा कि विद्रोही हिंदुत्व के मुद्दे को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं और विचारधारा के प्रति शिवसेना की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व शिवसेना की सांस है. मैं विधानसभा में हिंदुत्व के बारे में बोलने वाला पहला मुख्यमंत्री था. ठाकरे ने सरकार चलाने में अनुभवहीनता के बावजूद उनका साथ देने के लिए कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, पवार और राज्य की नौकरशाही को धन्यवाद दिया.