जनसंख्या नियंत्रण कानून पर डिप्टी सीएम ने खारिज की सीएम की दलील, समर्थन में उपेंद्र
एसपीएन, पटना: जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राय कुछ भी हो, लेकिन उनके सहयोगी दल और खुद पार्टी में इसको लेकर रार मची हुई है. डिप्टी सीएम रेणु देवी ने उनके बयान को खारिज करते हुए कहा बिहार में भी यूपी की तरह जनसंख्या नीति बननी चाहिए. उपेन्द्र कुशवाहा ने योगी सरकार के उत्तर प्रदेश में लागू किये गए जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन करते हुए कहा कि समय के अनुसार बिहार में भी इसकी आवश्यकता बढ़ गयी है.
बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून आवश्यक
कुशवाहा ने नीतीश सरकार के चलाए जा रहे योजनाओं को सराहते हुए योगी सरकार के उत्तर प्रदेश में लागू किये गए जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन भी किया. उन्होंने कहा समय के अनुसार बिहार में भी इसकी आवश्यकता बढ़ गयी है. क्योंकि जिस तरह से आबादी बढ़ रही है उसका असर विकास पर दिखेगा. कुशवाहा ने कहा कि राज्य में सुशासन की सरकार चल रही है. अपराधी चाहे कोई हो, या कितना भी बड़ा क्यों न हो, सलाखों के पीछे जाता है और जायेगा ही. पिछले दो दिन से का दौरा कर रहे उपेन्द्र कुशवाहा रविवार को मोतिहारी में थे.
बिहार में सबसे अधिक प्रजनन दर
वहीं डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा जिस तरह से आबादी बढ़ रही है उसका असर बिहार में विकास पर दिखेगा. उन्होंने कहा बिहार में अब भी प्रजनन दर 3.0 है, जबकि यूपी में प्रजनन दर 2.9 है जो बिहार के मुकाबले कम है. रेणु देवी ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु् दर में कमी लाने, कुपोषण में कमी, साक्षरता दर बढ़ाने और परिवार नियोजन के संबंध में व्यापक जागरूकता लाने की जरूरत है. बिहार में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के शिविरों में भी गर्भनिरोधक गोलियों के वितरण, परिवार नियोजन के उपायों की जानकारी और सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था के लिए आग्रह किया गया है।
कानून से जनसंख्या पर नियंत्रण संभव नहीं
जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अलग राय दी है. सीएम ने कहा निश्चित रूप से बढ़ती जनसंख्या एक बड़ी समस्या है. कानून बनाने से जनसंख्या का नियंत्रण संभव नहीं है इस पर नियंत्रण के लिए जरूरी है कि महिलाएं शिक्षित हों. पटना में सोमवार को जनता दरबार में उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से बढ़ती जनसंख्या एक बड़ी समस्या है. जनसंख्या नियंत्रण के लिए जरूरी है कि महिलाएं शिक्षित हों. उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है जिससे कहा जा सकता है कि वर्ष 2040 तक बिहार में जनसंख्या वृद्धि की समस्या पर काबू पा लिया जाएगा.