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मजबूरी में द्राेपदी मुर्मू को समर्थन, मोदी की सधी चाल के सामने नहीं चली नीतीश की

पटना, एसपीएन : मुख्यमंत्री नीतीश ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर ट्वीट कर लिखा, ‘श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना खुशी की बात है. द्रौपदी मुर्मू जी एक आदिवासी महिला हैं. एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाना अत्यंत प्रसन्नता की बात है.

मोदी की चाल में फंस गए मुख्यमंत्री

ऐसे में सियासी गलियारों में सवाल ये उठ रहे है कि क्या द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो राजनीतिक चाल चली है, उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फंस चुके हैं. राष्ट्रपति चुनाव की सुगबुगाहट के बाद से ही बिहार में प्रत्याशी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन सबकी नजर जनता दल यूनाइटेड के नेता और सीएम नीतीश कुमार पर टिकी थी. राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए जेडीयू के नेताओं ने नीतीश कुमार को योग्य उम्मीदवार बता चुके थे. बाद में हालांकि नीतीश कुमार ने खुद को इससे किनारा कर लिया था.

समर्थन के अलावा रास्ता नहीं बचा

सियासत में शह-मात का खेल कोई नई बात नहीं है. इस बीच, एनडीए ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बना कर ऐसी सधी चाल चली की जेडीयू के सामने मुर्मू के समर्थन के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा. दरअसल, नीतीश कुमार राष्ट्रपति चुनाव में अपने निर्णयों से चौंकाते रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते पर भी गौर करें, तो विभिन्न मुद्दों को लेकर दोनों दलों के नेता आमने-सामने आते रहे हैं, जिस कारण कहा जाता है कि दोनों के रिश्ते में गांठ पड़ी हुई है.

नीतीश का बीजेपी से अलग लाइन

साल 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन के हिस्सा थे. तब महागठबंधन की ओर से मीरा कुमार को प्रत्याशी बनाया गया था और एनडीए ने रामनाथ कोविंद को मैदान में उतारा था. नीतीश कुमार की पार्टी ने रामनाथ कोविंद के पक्ष में मतदान किया था. इससे पहले, 2012 में जब नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे थे और उस वक्त प्रणब मुखर्जी यूपीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार बने थे तो नीतीश ने बीजेपी से अलग लाइन लेते हुए प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन किया था.

महिला सशक्तिरण के लिए समर्पित

लेकिन इस चुनाव में बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू के नाम पर ऐसी चाल चली की, जेडीयू को भी समर्थन देने के लिए विवश होना पड़ा. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा, ”राष्ट्रपति के चुनाव में गरीब परिवार में जन्मी एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिद्धांतत: महिला सशक्तिरण एवं समाज के शोषित वर्गों के प्रति समर्पित रहे हैं. जनता दल (यू) मुर्मू की उम्मीदवारी का स्वागत एवं समर्थन करती है.

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