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किसानों का उत्साह होने लगा कम, बॉर्डर पर घटने लगी है प्रदर्शन कारियों की संख्या

एसपीएन, नई दिल्ली। गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की तादाद लगातार घट रही है. किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र बन चुके गाजीपुर बॉर्डर पर तकरीबन 50 फीसदी तक किसानों की संख्या में गिरावट आई है. माना जा रहा है कि मौसम में बदलाव और आंदोलन के लंबा खिंचने से किसानों का उत्साह कम होने लगा है.

संख्या में कमी रणनीति का हिस्सा

हालांकि किसान नेताओं का दावा है कि किसानों की संख्या में कमी उनकी रणनीति का हिस्सा है. आंदोलन को लंबा चलाना है इसलिए रोटेशन की व्यवस्था की गई है. 1 लाख किसानों को स्टैंड बाय पर रखा गया है, जरूरत पड़ने पर  तुरंत बुला लिया जाएगा. राकेश टिकैत ने कहा था कि किसान आंदोलन और तेज होगा और यह अनवरत चलता रहेगा, चाहे गर्मी हो या बरसात. गर्मियों में बॉर्डर पर जनरेटर लगाए जाएंगे और जिस तरह गांव गांव से पानी आया है, उसी तरह डीजल भी गांव गांव से आएगा.

एसी और कूलर में सोएंगे किसान

टिकैत ने किसानों से कहा था कि वे जल्द ही 8 से 10 सवाल बनाकर आप सभी को देंगे, जब भी ये वोट मांगने आए तो उनसे ये सवाल पूछ लेना. महराष्ट्र, गुजरात और बंगाल में भी बैठक रखेंगे. वहां की सरकार क्या कर रही है ये भी पता करेंगे. उन्होंने शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर मंच से कहा था, “बॉर्डर पर किसान एसी और कूलर में सोएंगे. सरकार हमें बिजली के कनेक्शन दे, नहीं तो हमें मजबूरी में यहां जनरेटर लगवाने पड़ेंगे.

आंदोलन के साथ खेती भी होगी

सरकार ने किसानों की राह में जो कीलें गाड़ी हैं, उन्हें निकालकर ही जाएंगे. हम दिल्ली के मेहमान हैं. आएंगे, जाएंगे और खेती का काम भी होगा. सरकार बात करेगी तो हमारा संयुक्त मोर्चा भी बात करेगा. टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि, अपने ट्रैक्टर-ट्राली मजबूत रखना आंदोलन होता रहेगा. इस बीच सिंघु के अलावा टीकरी, दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद में भी किसानों का प्रदर्शन जारी है.

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