बिहार में वामदलों से राजद का गठबंधन बंगाल चुनाव में तेजस्वी के लिए बना रोड़ा
एसपीएन, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बिहार के दो क्षेत्रीय दल जदयू और राजद ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. नयी दिल्ली में मंगलवार और बुधवार को लगातार दो दिन राजद के शीर्ष नेताओं की बैठक भी हुई. बैठक में राष्ट्रीय प्रधान सचिव अब्दुल बारी सिद्धिकी, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा और नेता प्रतिपक्ष के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव मौजूद थे.
जदयू और हम भी ठोंक रहे ताल
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक राजद उन सीटों पर भाजपा का खेल बिगाड़ेगी, जहां जदयू या हम उसे मदद करेंगे. लेकिन राष्ट्रीय जनता दल की तमाम कोशिशें अब तक परवान नहीं चढ़ पाई है. पार्टी की तरफ से कोशिश हो रही है कि भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा जाए, लेकिन तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम और कांग्रेस की राजनीतिक लड़ाई राजद की इस कोशिश में बड़ा रोड़ा बन रही है, हालांकि राजद ने पश्चिम बंगाल में कम से कम 5 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला कर लिया है.
बंगाल में वाम दल के खिलाफ है टीएमसी
लालू यादव की पार्टी राजद बंगाल चुनाव में बिहार में अपने सहयोगी वाम दलों और भाजपा की दुश्मन नंबर एक टीएमसी में किसी एक को चुनने की चुनौती का सामना कर रही है. भाजपा को हराने के लिए राजद तृणमूल की तरफ झुक रही है, लेकिन उसकी परेशानी यह है कि बिहार में उसके सहयोगी वाम दल वहां उससे मदद की उम्मीद कर रहे हैं चूंकि तृणमूल और वाम दलों वहां एक दूसरे के विरोध में उतर रहे हैं, इसलिए राजद को फैसला करने में दिक्कत आ रही है.
पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगा राजद
हालांकि राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में नेताओं ने इन पार्टियों से कई दौर की बात की है, लेकिन अभी तक बात नहीं बन पाई है. यह तय माना जा रहा है कि वह भाजपा को हराने के लिए पांच सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने जा रहा है. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से राजद को पांच सीटें चाहिए. इनमें बड़ा बाजार, भाटपाड़ा, रानीगंज, खडगपुर, जमुडिया और पंडेश्वर की सीट है. ये सारी सीटें सीमांचल से सटे बंगाल के जिलों में है. अगर ये पांच सीटें राजद को नहीं मिली तो राजद बड़ा फैसला ले सकती है.