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फरार कांट्रेक्ट किलर जदयू सांसद के घर पहुंचा ठेकेदारी लेने, बाहर आते ही पुलिस ने दबोचा

एसपीएन, भागलपुर : भागलपुर के कुख्यात कांट्रैक्ट किलर कपिल यादव उस समय पुलिस के हत्थे चढ़ गया जब वह जदयू सांसद अजय मंडल के घोघा स्थित आवास पर सड़क की ठेकेदारी की बात कर बाहर निकल रहा था. कांट्रैक्ट किलर कपिल यादव की हिम्मत का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह फरारी अवस्था में भी सांसद से मिलने उनके आवास पर जा पहुंचा. बरारी थाना क्षेत्र के खंजरपुर में हुई फायरिंग की घटना में शामिल कपिल यादव की पुलिस को तलाश थी.

मेरे घर पर आने वाला अपराधी भी भगवान

कपिल यादव के गिरफ्तार होने के बाद सांसद अजय मंडल ने कपिल के मिलने की पुष्टि करते हुए बताया उसने भतोड़िया में दो सड़कें बनाने के लिए 10-10 लाख रुपये अपने फंड से देने का आग्रह किया था. इस पर सांसद ने कहा कि उनके फंड में पैसे नहीं हैं, इसलिए वह फिलहाल इस मामले में कोई मदद नहीं कर सकते. इसके बाद वह चाय पीकर मेरे आवास से बाहर निकल गया, जहां पहले से इंतजार कर रही पुलिस ने गेट के बाहर ही दबोच लिया. सांसद ने यह भी कहा कि वह नहीं जानते थे कि वह वांटेड अपराधी है, वह कार्यकर्ता बनकर मिलने के लिए आया था. उन्होंने कहा कि लेकिन मेरे लिए तो घर आया अपराधी भी भगवान है.

टेक्निकल सर्विलांस पर था कपिल

अपराधी कपिल यादव भागलपुर पुलिस के टेक्निकल सर्विलांस पर था. जैसे ही वह सांसद से मिलने घोघा पहुंचा, पुलिस अलर्ट हो गई. सादे लिबास में सांसद के घर आसपास पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया. पहले सांसद आवास से ही कपिल यादव की गिरफ्तारी होनी थी, लेकिन प्रोटोकॉल के कारण कपिल यादव के बाहर आने का इंतजार किया गया. कुख्यात कपिल यादव पर कांट्रैक्ट किलिंग, रंगदारी, आर्म्स एक्ट, डकैती के 22 से भी अधिक केस शहर के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.

बड़े सफेदपोश की तरफ से पहुंचा था मिलने

चर्चा इस बात की हो रही है कि कपिल यादव किसी बड़े सफेदपोश की तरफ से वहां पहुंचा था. कपिल को उस सफेदपोश ने बताया था कि आने वाले समय में दो हजार के नोट बंद हो सकते हैं. उस सफेदपोश के पास सैकड़ों करोड़ रुपये दो हजार वाले नोट हैं। ऐसे में उन पैसों को खपाना जरूरी है. उन पैसे को खपाने के लिए 20 प्रतिशत कमीशन भी उस सफेदपोश ने देने का प्रस्ताव दिया था. ऐसी चर्चा है कि उसी मुद्दे पर चर्चा के लिए वह वहां पहुंचा था. हालांकि सांसद से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस मुद्दे पर किसी तरह की चर्चा कपिल यादव से होने की बात से इंकार कर दिया.

तेरे नाम गिरोह तैयार का सरगना है कपिल

सिल्क सिटी के बरारी, नाथनगर, मोजाहिदपुर, इशाकचक, मधुसूदनपुर, कजरैली के अलावा बांका, मधेपुरा, गोडडा जिले में आपराधिक गतिविधयों में सक्रिय रहे कुख्यात कपिल यादव मूल रूप से मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के गनौरा बादरपुर का रहने वाला है. तेरे नाम गिरोह तैयार कर कभी शहरी क्षेत्र की पुलिस के नाक में दम करने वाले कपिल पर हत्या, लूट, डकैती, जानलेवा हमला, रंगदारी आदि के कई मुकदमे दर्ज हैं. वीमा अधिकारी सुनील मिश्रा हत्याकांड में वह पहली बार चर्चा में आया था. गिरफ्तारी के बाद जमानत से मुक्त होते ही फिर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाता था.

घर में घुसकर चलाई थी गोलियां

11 जून की देर शाम खंजरपुर में हुई फायरिंग में हनी साह और उसके दो भाइयों गोलू और रिक्कू घायल हो गये थे. उस मामले में हनी के चाचा पप्पू साह के बयान पर केस दर्ज किया गया था. पप्पू ने पुलिस को बताया था कि खंजरपुर में जमीन को लेकर घटना को अंजाम दिया गया था. उनका कहना था कि जिस जमीन का उनलोगों ने एग्रीमेंट कराया था, उसी जमीन का अभिषेक सोनी ने भी एग्रीमेंट करा लिया था. इसके बाद से भू-माफिया धमकी दे रहे थे और उस जमीन को खाली करने को कह रहे थे. शाम में कपिल यादव, मिथुन, अनिल यादव और गोलू साह ने गोलीबारी की, जिसमें उनके भतीजे घायल हो गये.

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