कोरोना काल के मिस्टर इंडिया तेजस्वी आज बने हैं बयान वीर: मंगल पांडे
एसपीएन, पटना। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कोरोना काल के दौरान चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों के अथक परिश्रम की सराहना करते हुए कहा वे साधुवाद के पात्र हैं. उन्होंने कहा कोरोनाकाल में लगभग 37 चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों ने अपनी जान भी गंवाई, जो चिंता का विषय है.
सोशल मीडिया पर करते रहे दिग्भ्रमित
त्रासदी के समय स्वास्थ्य मंत्री के नाते स्वयं और मेरे वरीय अधिकारी अस्पतालों में घूम कर कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य की चिंता कर रहे थे, वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मिस्टर इंडिया बनकर सोशल मीडिया पर गलत तथ्यों से जनता दिग्भ्रमित करते रहे. उन्हें बिहार में कोरोना की जांच, इलाज, दवाई और प्रबंधन में बेहतर व्यवस्था पच नहीं रही थी और इसका ठीकरा राज्य व केंद्र सरकार पर फोड़ते रहे, जबकि नेता प्रतिपक्ष को आरोप लगाने की बजाय उनकी उनकी प्रशंसा करनी चाहिए.
रिकवरी रेट के मामले में बिहार अव्वल
शुरु से ही बिहार में पूरे देश की तुलना में रिकवरी रेट सबसे ज्यादा और मृत्यु दर सबसे कम 0.55 फीसदी करीब रहा. इसके बावजूद वे बनर्गल बयानों से चिकित्साकर्मियों का मनोबल को तोड़ने में लगे रहे. साथ ही रिकवरी रेट हमेशा देश में सर्वाधिक के करीब रहा. दरअसल बिहार का बनती हुई छवि और बेहतर प्रदर्शन नेता प्रतिपक्ष को कभी पचा नहीं. राजद के शासन काल मंे हमेशा नीचे से दूसरे-तीसरे पायदान पर रहने वाले बिहार का विकास उन्हें पच नहीं रहा है.
सूचना मिलते ही हुई कार्रवाई
जांच, ईलाज, दवा और बेहतर प्रबंधन से कम मृत्यु दर और कोरोना टीकाकरण में राज्य पहले पायदान पर है. कोरोना जांच के संबंध में हुई डाटा इंट्री की गड़बड़ी मिलते ही विभाग ने उसी दिन सभी 38 जिलों में कार्रवाई की गई.जमुई जिले में सात लोगों को निलंबित एवं सेवा से बर्खास्त किया गया है. अन्य जिलों में भी जिलाधिकारियों के माध्यम से निरंतर जांच करायी जा रही है. अररिया एवं शिवहर से मिली गड़बड़ी की जांच की जा रही है.
कोरोना जांच की नहीं थी सुविधा
बिहार में आरटीपीसीआर कोरोना जांच की क्षमता नहीं थी. मार्च में आरएमआरआई, पटना में जांच का काम शुरू हुआ. इसके बाद सभी मेडिकल काॅलेजों में आरटीपीसीआर लैब व जांच की व्यवस्था हुई. आरटीपीसीआर की क्षमता पुल टेस्टिंग के साथ 20 हजार प्रतिदिन हो गई.
वेबसाइट पर उपलब्ध है सूचनाएं
देश के अधिकांश राज्यों की तरह बिहार में भी आरटीपीसीआर की तुलना में रैपिड एंटीजेन किट से ज्यादा जांच करायी गई. उन्होंने कहा कोविड- 19 से संबंधित एंटीजेन किट की पूरी सूचना बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर काॅरपोरेशन लिमिटेड के वेबसाइट पर उपलब्ध है.