त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को देना होगा संपत्ति का ब्योरा, नहीं ताे होगी कार्रवाई
त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदधारकों को संपत्ति का ब्यौरा देना होगा. पदधारकों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए चालू वित्तीय वर्ष के तहत 31 मार्च का कट ऑफ डेट तय किया गया है. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने सभी जिला पंचायत पदाधिकारी को चिट्ठी लिख कर स्पष्ट शब्दों में सभी पंचायत पदधारकों को संपत्ति का ब्यौरा देने का निर्देश दिया गया है.
एसपीएन, पटना : अब प्रदेश के सभी पंचायत पदधारकों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देना जरूरी कर दिया गया है. उन्हें चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जिले की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए प्रतिवेदन देने का निर्देश मंत्री पंचायती राज विभाग सम्राट चौधरी ने दिया है. इस संबंध में सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पत्र जारी कर इसका सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है.
सभी पदधारक हैं लोकसेवक
मंत्री ने बताया कि पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 170 के तहत त्रिस्तरीय पंचायतों के सभी पदधारक लोकसेवक घोषित हैं और सभी लोकसेवक के लिए चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने की अनिवार्यता है. वैसे लोकसेवक जो वांछित ब्यौरा नहीं देंगे, उनके विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
कारण बताओ नोटिस जारी
पंचायती राज विभाग के निदेशक रंजीत कुमार सिंह के अनुसार अगर संबंधित प्रतिनिधि अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा समय पर उपलब्ध नहीं करा पाते हैं तो जिला पंचायत राज पदाधिकारी साल के 15 अप्रैल तक उन्हें पहला कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे. नोटिस जारी करने के 15 दिनों के अंदर अनुपालन न किए जाने पर ऐसे प्रतिनिधियों से अंतिम बार स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.
जिला पदाधिकारी लेंगे संज्ञान
इसे तुरंत जिला पदाधिकारी के संज्ञान में लाया जाएगा. समीक्षा में यदि इस बात की पुष्टि हो जाती है कि पंचायत पदधारक ने दूसरी बार नोटिस देने के बाद भी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है तो इसे घोर अनुशासनहीनता माना जाएगा. इसके बाद संबंधित अधिनियम के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. कार्रवाई का प्रस्ताव विभाग को भेजा जाएगा.