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सियासी शतरंज की विसात पर गोड्‌डा के सांसद और भागलपुर विधायक पर भारी पड़े डिप्टी मेयर

एसपीएन, भागलपुर। मेयर और डिप्टी मेयर को मात देने के लिए गोड्‌डा सांसद निशिकांत दुबे ने जो चाल चली उसमें वे सफल नहीं हो पाए. पिछली बार की तरह एक बार फिर मेयर और डिप्टी मेयर अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे. 51 सदस्य वाले सदन में अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवश्यक समर्थन नहीं जुटा पाने के कारण प्रस्ताव खारिज हो गया. अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में 28 पार्षदों ने मेयर पर भरोसा जताया, जबकि 22 ने विरोध में वोट डाले. बाद में फिर उन लोगों ने भी समर्थन कर दिया , जबकि वोटिंग के लिए 26 मत की आवश्यकता थी.

भाजपा और कांग्रेस के साथ जदयू भी थी लामबंद

विरोधी पक्ष के मोर्चेबंदी पर डिप्टी मेयर की किलेबंदी भारी पड़ी. इतना ही नहीं अकेले डिप्टी मेयर राजेश वर्मा , भाजपा के निशिकांत दूबे , कांग्रेस विधायक अजित शर्मा और जदयू के पूर्व मेयर पर भारी पड़े और आसान जीत हासिल कर ली. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सबकी नजरें मेयर और उपमेयर की कुर्सी पर टिकी हुई थी. मेयर और उपमेयर अपनी-अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए थे तो विरोधी खेमा पार्षदों को लामबंद करने में जुटे थे.

मेयर व डिप्टी मेयर ने पार्षदों को दिया भरोसा

नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शनी, मेयर और डिप्टी मेयर के साथ-साथ मजिस्ट्रेट के रूप में अवर योजना पदाधिकारी राज कुमार जायसवाल और पर्यवेक्षक अरुण कुमार सिंह की मौजूदगी में वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई. चर्चा में पहुंचे पार्षदों ने सर्वसम्मति से सरयुग प्रसाद को प्रोटेम सभापति चुना गया. अविश्‍वास प्रस्‍ताव के चर्चा के दौरान पार्षदों के उठाए गए सवालों पर मेयर और डिप्टी मेयर ने विचार करने का भरोसा दिया.

समर्थकों ने शहर में मनाया जश्न

अविश्‍वास प्रस्‍ताव गिर जाने पर मेयर और डिप्‍टी मेयर ने शहर में जुलूस निकाला और खूब ढोल-नगाड़े बजाए ! जीत के बाद उपमेयर ने कहा मेरा चुनाव में खड़ा होना और मेरे नॉमिनेशन में मेयर के जाने की वजह से अजीत शर्मा ने यह चाल चली. वहीं उन्होंने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर कुर्सी से गिराने का आरोप लगाते हुए कहा इसकी नींव उन्होंने विधान सभा चुनाव के दौरान रखी थी.

अजीत शर्मा ने झाड़ा अपना पल्ला

विरोधियों की रणनीति में आखिर कहां चूक हुई! इस संबंध में कांग्रेस विधायक अजित शर्मा ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा मेयर या डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना पार्षदों का काम है ! इसमें विधायक की कोई भूमिका नहीं होती है. उन्होंने कहा मेयर और डिप्टी मेयर की निष्क्रियता की वजह से ही स्मार्ट सिटी का काम पूरी तरह बाधित है.

आश्वासन देकर कुछ पार्षद हटे पीछे

विरोधियों की अगुवाई कर रहे वार्ड नंबर 21 के संजय सिन्हा ने कहा कुछ पार्षदों ने अपने विकास के बारे में सोचा, जबकि हम लोग भागलपुर के विकास के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे. डिप्टी मेयर पद के दावेदार मो. चांद ने कहा कुछ पार्षद समर्थन का भरोसा देकर पीछे हट गए, जिससे यह नौबत आई. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मुखर रहे वार्ड नंबर के हंसल सिंह ने इसे विकास पर धन बल की जीत बताया.

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