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किसान और तेज करेंगे आंदोलन, आज मशाल जुलूस, 18 को रेल रोको

एसपीएन, नई दिल्ली। किसान नेताओं ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी का भुगतान अनिवार्य बनाने की अपनी मांग के लिए पंचायतों तथा निकायों के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. अब तक करीब एक दर्जन महापंचायतें ज्यादातर हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आयोजित की गई हैं.

अलग-अलग राज्यों में होगी महापंचायत

अखिल भारतीय किसान सभा के नेता और पूर्व सांसद हन्नान मोल्लाह ने कहा कि आने वाले दिनों में पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में दर्जनों महापंचायत आयोजित करने की योजना है. अखिल भारतीय किसान सभा के नेता पी कृष्ण प्रसाद कहते हैं, “हमने अपने राज्य प्रतिनिधियों से कहा है कि महापंचायतों का आयोजन करें.

18 को 4 घंटे के लिए ट्रेन का चक्का जाम

आंदोलन के तहत अगले हफ्ते से 14 फरवरी को एक घंटे या उससे अधिक समय तक गांवों में सरकारी कार्रवाई में मारे गए किसानों और सैनिकों के सम्मान में ’मशाल’ मार्च निकालेंगे. 16 फरवरी को देश भर में छोटी-छोटी जनसभाएँ प्रस्तावित हैं, ताकि लोगों को “संसद में प्रधानमंत्री के भाषणों के माध्यम से झूठ बोलने” के बारे में जागरूक किया जा सके. 18 को देशभर में 4 घंटे के लिए ट्रेन रोको अभियान चलाएंगे.

2 महीने से अधिक समय से जारी है विरोध

किसान नेताओं को सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग मामले में समीक्षा याचिका खारिज करने के दौरान कहा कि “विरोध प्रदर्शन का अधिकार किसी भी समय और कहीं भी नहीं हो सकता है. एनसीआर और आस-पास के इलाकों में 2 महीने से अधिक समय से जारी विरोध प्रदर्शन में किसानों ने कहा है कि प्रशासन की किसी भी कार्रवाई से उकसाया नहीं जा सकता है.

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