बाढ़ के बाद बिहार में होगा पंचायत चुनाव, आयोग कराएगा मतदान केंद्रों की पहचान
एसपीएन, पटना: बिहार में समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण भले ही राज्य सरकार ने परामर्श समिति का गठन कर दिया, लेकिन बिहार राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव कराने की तैयारियों में जुटा है. यह पहला मौका होगा जब आयोग बाढ़ के बाद पंचायत चुनाव कराने को लेकर पहल कर रहा है. मानसून खत्म हो जाने के बाद आयोग नए सिरे से राज्य में चिन्हित मतदान केंद्रों का सत्यापन करवाएगा.
कोरोना की दूसरी लहर बनी बाधा
पंचायत चुनाव कराने को लेकर तैयारियों में जुटे राज निर्वाचन आयोग ने इस साल जनवरी में पूरे बिहार में करीब 1.20 लाख बूथ चिन्हित किए थे, लेकिन ईवीएम विवाद में लगा लंबा समय और फिर कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण के कारण आयोग की सभी तैयारियां धरी की धरी रह गईं. वैसे अभी प्रयास किया जा रहा है कि बरसात के बाद पंचायत चुनाव की तैयारियों को अमली जामा पहनाया जाए.
बूथों का फिर होगा भौतिक सत्यापन
बारिश के बाद दो दर्जन से अधिक जिले पूरी तरह प्रभावित हो जाते हैं. ग्राम पंचायतों के प्रभावित होने के कारण ही आयोग एक बार फिर से बूथों का भौतिक सत्यापन करवाएगा. इसका मकसद यह है कि समय रहते इस बात की जानकारी मिलेगी कि कितने पंचायतों के स्थाई और अस्थाई बूथ प्रभावित प्रभावित हुए हैं. इसके बाद जिलों को प्रभावित बूथों के फिर से भौतिक सत्यापन कराकर चुनाव कराया जाना बेहतर माना जा रहा है.
8000 ग्राम पंचायतों में होगा चुनाव
राज्य के करीब 8000 ग्राम पंचायतों में करीब ढाई लाख पदों के लिए चुनाव होना है. सत्यापन में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मौजूदा मुखिया के घर के 100 मीटर के अंदर किसी भी बूथ का गठन किसी भी परिस्थिति में ना हो पाए. किसी व्यक्ति के निजी भवन या परिसर में बूथ नहीं बनेगा. साथ ही किसी थाना, अस्पताल, डिस्पेंसरी या फिर धार्मिक महत्व के स्थानों पर बूथ नहीं बनाया जाएगा.
कम हो गई पंचायतों की संख्या
2016 में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में राज्य में करीब एक लाख 19 हजार बूथ बनाए गए थे. हाल ही में कई नए नगर निगम के अस्तित्व में आने से इस बार करीब 300 पंचायतों की संख्या कम हो गई है. ऐसे में बूथों की समीक्षा की जाएगी, जहां मतदान स्थल की परिवर्तन की जरूरत होगी उसके लिए जिलों द्वारा आयोग को कारणों की जानकारी देनी होगी. आयोग जब इस पर अपनी सहमति देगा तब नया स्थान पर बूथों का गठन हो पायेगा.