पीएम से मुलाकात के बाद नीतीश के दरवार में लोजपा सांसद की हाजिरी, चढ़ा सियासी पारा
एसपीएन, पटना। लोक जनशक्ति पार्टी से नवादा सांसद और बाहुवली सूरजभान सिंह के भाई चंदन कुमार ने रविवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. एक अणे मार्ग स्थित सीएम के आवास पर इस मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जाने लगा कि क्या लोजपा में भगदड़ मचने वाली है.
सियासी गलियारे में तेज हुई हलचल
एक दिन पहले खबर आई थी कि एलजेपी के दर्जनों नेता जेडीयू में शामिल होनेवाले हैं. इस घटना के बाद एक ओर जहां बिहार के सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है, वहीं लोजपा आला कमान की पेशानी पर बल पड़ गए हैं. हालांकि लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चंदन सिंह ने इसे सामान्य मुलाकात बताते हुए कहा इसका राजनीति से कुछ लेना देना नहीं है.
सांसद बोले सीएम से मुलाकात औपचारिक
लोजपा सांसद चंदन कुमार ने कहा कि मैंने अपने संसदीय क्षेत्र यानी नवादा के विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है. इस मुलाकात के कोई सियासी मायने नहीं है, लेकिन लोजपा के अंदर घमासान मचा है यह बात अब सामने आने लगी है. लोक जनशक्ति पार्टी और जेडीयू के बीच चुनाव के दौरान चली आ रही तनातानी थमने का नाम नहीं ले रहा है.
43 विधायकों तक सिमट गई पार्टी
चिराग और नीतीश के बीच तल्खी का मुख्य कारण बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा का जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारा जाना था. लोजपा की इस चाल का खामियाजा जेडीयू को चुनाव परिणाम में भुगतना पड़ा था. पार्टी 43 विधायकों तक सिमट गई और कई प्रत्याशी लोजपा उम्मीदवार की वजह से चुनाव हार गए थे. मालूम हो लोजा के कई नेता भी जदयू के खिलाफ प्रत्याशी उतारने के पक्ष में नहीं थे.
बुधवार को सीएम ने की पीएम से मुलाकात
इस बीच एलजेपी के नवादा के सांसद से नीतीश कुमार की मुलाकात के कई अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब बुधवार को नीतीश कुमार पीएम मोदी से मुलाकात कर पटना पहुंचे हैं. एनडीए से बाहर होकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले चिराग पासवान ने कहा था बिहार में अगला मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा और एलजेपी उस सरकार का हिस्सा होगी.
नुकसान नहीं भूले हैं नीतीश कुमार
नई सरकार की गठन और मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो चुका है लेकिन सीएम नीतीश के तेवर चिराग को लेकर अब भी तल्ख हैं. विधानसभा चुनाव में एलजेपी की वजह से जेडीयू को जो नुकसान हुआ सीएम नीतीश उसे भूले नहीं हैं और ना ही भूलने के मूड में हैं. हालांकि चिराग का नाम सामने आता है तो वो सवाल बीजेपी के पाले में डाल देते हैं.