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शिवानंद ने चंदे को ठहराया जायज, सुविधा के हिसाब से ज्यादा नहीं दस हजार

 

एसपीएन, पटना । राष्ट्रीय जनता दल में विधायकों और विधान पार्षद से दस हजार प्रति महीने की राशि मांगे जाने को लेकर बिहार में राजनीति तेज हो गई है. इसको लेकर जेडीयू ने लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को घेरा तो बचाव में आज पार्टी के नेता शिवानंद उतरे. उन्होंने राशि मांगे जाने को सही बताते हुए कहा विधायक व पार्षद सुविधा लेते हैं तो इन्हें शुल्क भी देना चाहिए.

सभी पार्टियों में है ऐसी परिपाटी

पार्टी के नेता शिवानंद तिवारी ने इस मामले में पलटवार करते हुए कहा कि या कोई नई परंपरा नहीं है. सभी विधायकों और विधान परिषदों की सुविधाओं में इजाफा किया गया है ऐसे में 10 हजार रूपए की राशि बहुत ज्यादा नहीं है. शिवानंद तिवारी ने यह भी कहा कि यह सभी पार्टियों में होता है ना कि केवल राजद में.

ये कुबेर के राक्षसी साधक हैं

इस मामले पर जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने ट्वीटर पर तेजस्वी और लालू पर तंज कसा था. उन्होंने लिखा, पहले टिकट के लिए पैसा दो, जीतने के बाद तनख़्वाह में कमीशन दो, हार गए हो तो पेंशन में कमीशन दो, अबे नोट खाते हो क्या ? भूख की सीमा होती है, पैसा के मामले में लालू प्रसाद जी आपसे आगे निकल गया ये, कुबेर के राक्षसी साधक हैं.

विधायकों ने किया था विरोध

बताया जा रहा है कि पहले 25 हजार रुपए हर माह जमा करने को प्रस्ताव था, लेकिन इसका विधायकों ने विरोध किया, तब बात 10 हजार रुपए पर बनी. अब 75 विधायक और विधान परिषद के सदस्यों को हर माह पार्टी फंड में 10 हजार रुपए जमा करना होगा. पूर्व विधायक और विधान पार्षदों को भी पैसा जमा करना होगा. इनलोगों को 4 हजार रुपए हर माह देना होगा.

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