मुआवजे पर महागठबंधन में महाभारत, विरोध में उतरे वामदल, सदन के बाहर की नारेबाजी
एसपीएन, पटना: बिहार में जहरीली शराब से मौत के बाद हंगामा बरपा हुआ है. बिहार विधानसभा से लेकर सारण तक हंगामा है. इधर, नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं. वहीं अब वह अपने बयान पर खुद ही घिर गए हैं। इधर, वामपंथी पार्टियां जिनके दम पर नीतीश कुमार की सरकार खड़ी है, वह भी मुआवजे की मांग को लेकर सदन के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं और बिहार के सभी जिलों में विरोध दिवस मना रहे हैं.
सदन से सड़क पर हंगामा
भारतीय जनता पार्टी मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर लगातार सदन में हंगामा कर रही है तो सड़क पर भी हंगामा बरपा है. अब तो सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि मुआवजे की मांग को लेकर महागठबंधन में भी महाभारत मचा है. शराबबंदी वाले राज्य बिहार में जहरीली शराब पीने से 78 लोगों की मौत हो गई. सारण जिले के मसरख और आसपास के इलाकों में कोहराम मचा हुआ है. मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर खूब राजनीति हो रही है.
जो पियेगा वह मरेगा ही
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में कह दिया, “पियोगे तो मरोगे और मरने वालों से उन्हें कोई सहानुभूति नहीं है. मुआवजे का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है”.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही कह रहे हों कि मृतकों के परिजनों को मुआवजे का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री को याद दिला रही है किस तरह 2018 में गोपालगंज में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया था.
नहीं मिलेगा मुआवजा
बहरहाल सरकार ने तो कह दिया कि जो पिएगा वह मरेगा, लेकिन बिहार में शराब न मिले ऐसे हालात शराबबंदी के छह साल बाद भी अभी नहीं बन पाए हैं. ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि जब सरकार बिहार में ठीक से शराबबंदी लागू नहीं कर सकती है तो फिर शराब पीकर मरने वालों के परिजनों का क्या दोष? वहीं नीतीश सरकार में मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि सरकार ने शराब से हुई मौत के मामले में कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है. हालांकि सुनील कुमार ने कहा कि सरकार मुआवजा नहीं देगी.