अग्निपथ परआगजनी, विधायक पर हमला, भागलपुर में उखाड़ा रेलवे ट्रैक, ट्रेने रद्द
एसपीएन, पटना : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा करने के दूसरे दिन आंदोलन और हिंसक हो गया. गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने नवादा में वारिसलीगंज की विधायक अरुणा देवी पर हमला कर दिया है. हमले के के बाद विधायक की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई. इसके अलावा छपरा, सहरसा, सीतामढ़ी और बेगूसराय में भी छात्रों ने जमकर हंगामा काटा और आगजनी, तोड़फोड़ की. इस दौरान छात्रों के उत्पात को देखते हुए पुलिस ने जमकर लाठियां चलाई. इसको लेकर फिलहाल कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
कई ट्रेनों में आग लगाई
अरुणा देवी वारिसलीगंज से नवादा आ रही थी. नवादा रेलवे क्रासिंग के पास प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के हमले की शिकार हो गई. बस स्टैंड के पास 15 से 20 की संख्या में युवक पहुंचे और उनकी गाड़ी पर गाड़ी पर हमला कर दिया. जिसके बाद वह वहां से किसी तरह निकली. छपरा रेलवे स्टेशन पर भी छात्रों ने कई ट्रेनों में आग लगाई और तोड़फोड़ किया. वहीं, आरा में हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने जमकर पत्थरबाजी और हंगामा किया. युवाओं ने आरा पटना मेन लाइन को जाम कर सभी ट्रेनों को रोक दिया. हंगामा कर रहे हैं छात्रों ने रेलवे स्टेशन के कई दुकानों को अपना निशाना बनाया है. वही रेल ट्रैक पर भी आगजनी कर अपना विरोध जताया है.
नहीं मान रहे आंदोलनकारी
भागलपुर में सेना की अग्निपथ स्कीम का विरोध जमकर हो रहा है। आंदोलनकारी सुबह से ही भागलपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर आंदोलन शुरु कर दिए थे। इस दौरान कई ट्रेनों को रोकी गई. कई जगहों पर रेलवे ट्रैक को उखाड़ दिया गया है. वहीं रेलवे लाइन पर स्लीपर को रखा दिया। इस कारण कई ट्रेनें घंटों बाधित रही. आदोलनकारी लगातार इस स्कीम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं आंदोलन को लेकर सिटी एसपी, सदर एसडीओ, रेलवे की पुलिस पहुंच आंदोलनकारी को समझा रहे हैं. आंदोलनकारियों ने कई जगह ट्रेक को निकाल दिया गया है.
भविष्य के साथ खिलवाड़
बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है. वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना से हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. सालों से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के साथ धोखा हुआ है. इस योजना से न सिर्फ युवाओं को नुकसान होगा बल्कि सेना की गोपनीयता और विश्वसनीयता भी भंग हो सकती है. ऐसे में केंद्र सरकार को इस योजना को बंद कर पहले की तरह भर्ती प्रक्रिया को शुरू करना चाहिए.