अनंत सिंह की छीन ली गई विधायकी, तेजस्वी को हुआ नुकसान, कम हो गई एक सीट
एसपीएन, पटना : मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह एक और मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी विधायकी छीन गई. अनंत की विधायकी समाप्त होने से राजद को भी नुकसान हुआ है. उनके विधायकों की संख्या में एक सीट कम हो गई है. जहां पहले 80 विधायक थे, वहीं अब 79 विधायक राजद के पास हैं. हालांकि सीट कम होने के बाद भी राजद प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी है.
10 साल का सश्रम कारावास
मोकामा विधायक अनंत सिंह को सरकारी आवास से 6 मैग्जीन, इंसास राइफल और एक बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद किया था. पटना के एमपीएमएलए कोर्ट ने इसी मामले में अनंत सिंह को दोषी करार दिया है. अनतं सिंह अभी अपने पैतृक गांव के घर में प्रतिबंधित हथियार एके-47 रखने के आरोप में 10 साल की सजा काट रहे हैं. कोर्ट ने 21 जून 2022 को 10 साल के सश्रम कारावास और एक लाख 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
बढ़ गई अनंत सिंह की मुश्किलें
कोर्ट में दोषी ठहराए जाने और सजा मिलने के बाद अनंत सिंह की विधानसभा की सदस्यता भी समाप्त हो जाएगी. 21 जून को सजा सुनाए जाने के बाद अनंत सिंह के वकील ने कहा कि सजा के फैसले को पटना हाइकोर्ट में चुनोती देंगे. सजा सुनाए जाने के बाद जेल में बंद अनंत सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है. विधायक रहने के बाद मिलने वाली सुविधाओं को उनसे सजायाफ्ता होने के बाद छिन लिया गया है.
घर से मिला एके 47 और हैंड ग्रेनेड
मोकामा के विधायक और बिहार में बाहुबली की छवि रखनेवाले अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है. उक्त कार्रवाई अनंत सिंह के घर से एके 47 और हैंड ग्रेनेड मिलने के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा 10 साल की सजा सुनाये जाने के कारण की गई है. इसके साथ ही मोकामा से पांच बार लगातार जीतने के बाद अब उनकी माननीय की कुर्सी छीन गई है. अब अनंत सिंह के नाम के आगे से विधायक पद हट गया.
2005 में पहली बार बने विधायक
छोटे सरकार के नाम से जाने जाने वाले अनंत सिंह 2005 से मोकामा विधानसभा सीट से विधायक है. उन्होंने पहली बार जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की. उनके भाई दिलीप सिंह भी यहां से विधायक और आरजेडी सरकार में मंत्री रहे हैं. जेडीयू से टिकट कटने के बाद अनंत सिंह निर्दलीय चुनाव भी जीते हैं, अनंत अभी आरजेडी की टिकट पर विधायक चुने गए हैं.
21 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
विधानसभा ने गुरुवार को उनकी विधायकी समाप्त किये जाने की अधिसूचना जारी कर दी. अधिसूचना में कहा गया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-8 और संविधान के अनुच्छेद 191 (1) (ई) के प्रावधानों के तहत अनंत सिंह को कनविक्शन की तिथि 21 जून के प्रभाव से बिहार विधान सभा की सदस्यता से निरर्हित किया जाता है. सजा के बिंदु पर सुनवाई 21 जुलाई 2022 को होगी. मामला वर्ष 2015 का था.