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यात्रीगण कृपया ध्यान दें, किसानों के प्रदर्शन के चलते ट्रेनें गुरुवार को होंगी रिशेड्यूल

रेलवे ने यह भी साफ किया है कि यह जरूरी नहीं है कि सारी ट्रेनें रिशेड्यूल हों. सुबह रेलवे की ओर से एक इंटेलिजेंस एसेसमेंट भी किया जाएगा. यह जानकारी जानने की कोशिश की जाएगी कि जिस रूट पर ट्रेनें जा रही हैं क्या उस रूट पर किसानों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन है अथवा नहीं. यदि नहीं है तो ट्रेन को आगे बढ़ाया जाएगा यदि है तो ट्रेन को रोक दिया जाएगा.

एसपीएन, नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लंबे समय आंदोलनरत हैं. वे सरकार से इन कानूनों को रद्द करवाने के लिए लगातार कह रहे हैं. इस बीच रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, किसानों के ‘रेल रोको’ आंदोलन को लेकर रेलवे की बड़ी तैयारी है. गुरुवार दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे के बीच में जो भी ट्रेनें जहां से चल रहीं होगी खासकर के उत्तर भारत में उनको रिशेड्यूल किया जाएगा. मसलन यदि कोई ट्रेन दिन में 12 बजे दिल्ली से उत्तर भारत की ओर जा रही होगी तो उसके समय में परिवर्तन किया जाएगा और इस परिवर्तन की जानकारी मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से यात्रियों को दी जाएगी.

कई स्थानों पर हो सकता है बड़ा प्रदर्शन

फिलहाल रेलवे ने यह भी तय किया है कि 12 बजे से लेकर 4 बजे तक के बीच में जितनी भी ट्रेनें चल रही होंगी उन ट्रेनों को स्टेशन के आसपास ही रोका जाएगा. इस बीच में ट्रेनों को उस समय तक नहीं चलाया जाएगा जब तक कि इंटेलिजेंस इनपुट यह नहीं आता है कि आगे का रास्ता साफ है. रेलवे को कुछ जगहों से यह इनपुट मिला है कि कई स्थानों पर बड़ा प्रदर्शन हो सकता है. आरपीएफ को इन जगहों पर मुस्तैद रहने को कहा गया है. खासकर उत्तर भारत के उन इलाके में जहां किसानों की संख्या ज्यादा है.

रेलवे ने सभी को अलर्ट पर रहने के लिए कहा

जाहिर है 26 जनवरी की जो घटना हुई थी उसमें किसानों ने दिल्ली पुलिस को जो वक्त दिया था उससे पहले ही उन्होंने अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे ने सुबह से ही सभी को अलर्ट पर रहने को कहा है और जहां-जहां जैसे ही प्रदर्शन की आशंका होगी रेल को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा.

इन कानूनों का किसान कर रहे हैं विरोध

दरअसल तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं.

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