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राज्य व केंद्र शासित प्रदेश लागू करें देश में एक देश- एक राशन कार्ड की व्यवस्था : सुप्रीम कोर्ट

एसपीएन,नई दिल्ली। देश में एक राशन कार्ड की व्यवस्था लागू नहीं करने पर कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम जैसे राज्यों की सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने शक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस स्कीम को लागू करने को कहा. है.जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एम आर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की.

कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

यह याचिका सोशल एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप चोकर की ओर से दायर की गई है. उनकी ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन सभी तक पहुंचाया जाना चाहिए. जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं. जवाब में सोलिसिटर जनरल ने कहा कि प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ इस साल नवंबर तक बढ़ा दिया गया है. सभी पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने पना फैसला सुरक्षित रख लिया.

दिल्ली के वकील ने किया विरोध

हालांकि, दिल्ली के वकील ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि इसे लागू कर दिया गया है. पश्चिम बंगाल के वकील ने कहा कि आधार को जोड़े जाने को लेकर कुछ मुद्दे थे. इस पर पीठ ने तुरंत कहा, ‘आपको इसे लागू करना चाहिए. यह उन प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए है. जिन्हें इसके जरिए हर राज्य में राशन मिल सकता है.पिछले साल की तुलना में इस साल समस्या ज्यादा गंभीर है.

सॉफ्टवेयर के विकास में इतना समय क्यों ?

पीठ ने कहा कि वह इस बात से चिंतित है कि जिन प्रवासी श्रमिकों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, वे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ कैसे उठा पाएंगे. कोर्ट ने केंद्र की ओर पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा, असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के पंजीकरण के बारे में क्या स्थिति है. एक सॉफ्टवेयर के विकास में इतना समय क्यों लग रहा है? आपने इसे शायद पिछले साल अगस्त में शुरू किया था और यह अभी भी खत्म नहीं हुआ है.’

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