चाचा पशपुति ने घोंपा पीठ में छूरा, रामविलास की राजनीतिक हत्या करना चाहते थे नीतीश
एसपीएन, पटना: चाचा भतीजे की लड़ाई में बिहार की सियासत इन दिनों चरम पर है. नीतीश की पीएम से मुलाकात के बाद बिहार में यह चर्चा होने लगी है कि आखिर बंगले का मालिक कौन है. इस बीच चिराग पासवान ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए एक खत लिखा है. एक खत के लिए चिराग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ अपने चाचा पशुपति पारस पर निशाना साधा है. चिट्ठी के जरिए चिराग ने कई गंभीर आरोप भी इन दोनों नेताओं पर लगाए हैं.
लोजपा विवाद में हमारी कोई भूमिका नहीं
लोजपा में चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा कि लोजपा विवाद में हमारी कोई भूमिका नहीं है. ये उनका आपसी मामला है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के बारे में बयान देकर लोगों को पब्लिसिटी मिलती है, इसलिए बोले है. इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी. कुछ लोग हमारे खिलाफ पब्लिसिटी के लिए लगातार बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि, लोजपा जदयू में शामिल नहीं हो रही है और यह बात खुद पशुपति पारस ने कहा था.
एलजेपी को सिर्फ 15 सीट दी जा रही थी
चिराग पासवान ने अपने खत में लिखा, ‘उम्मीद करता हूं आप सभी स्वस्थ होंगे. कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में हम सब ने कुछ ना कुछ खोया है. बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी को सिर्फ 15 सीट दी जा रही थी जो कि तार्किक नहीं था. चिराग ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए लिखा है वे रामविलास पासवान की राजनीतिक हत्या करना चाहते थे. बिहार प्रदेश अध्यक्ष से पशुपति पारस को हटाने का फैसला रामविलास पासवान का था.
चिराग समर्थकों ने जारी किया पोस्टर
इस बीच चिराग समर्थकों ने दो पोस्टर जारी किया है. इसमे एक में दिखाया गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री के आदेश पर उनके पार्टी को तोड़ा गया है, तो दूसरे पोस्टर में यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि उनके पार्टी के नेता और सांसद जेडीयू के सांसद ललन सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश के साथ मिलकर खंजर मारा है. यह पोस्टर चिराग समर्थक अमर आज़ाद ने आज जारी किया है.
कैबिनेट में शामिल होने को लेकर साधी चुप्पी
साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात को लेकर भी कुछ नहीं कहा. साथ ही उन्होंने इस दौरान पप्पू यादव के जेल जाने को लेकर भी कहा कि, इसमें भी उनकी कोई भूमिका नहीं है. बता दें कि, पप्पू यादव के जेल भेजे जाने को लेकर भी नीतीश कुमार को आरोपी ठहराया जा रहा था. कैबिनेट में शामिल होने को लेकर फिलहाल मुख्यमंत्री ने कुछ भी नहीं कहा है.