बिहार सरकार का बड़ा फैसला, 4 जनवरी से खुलेंगे सीनियर सेक्शन के सभी स्कूल और कोचिंग संस्थान
बिहार सरकार ने 4 जनवरी 2021 से सभी स्कूल और कोचिंग संस्थान खोलने का आदेश दे दिया है. इसके अलावे होस्टल को भी खोल दिया जाएगा. बिहार सरकार फ्री में छात्रों को मास्क देगी.
PATNA: इस वक्त की बड़ी खबर पटना से आ रही है. बिहार सरकार ने 4 जनवरी 2021 से सभी स्कूल और कोचिंग संस्थान खोलने का आदेश दे दिया है. आदेश के अनुसार सभी सीनियर सेक्शन खुलेंगे. इसके अलावे होस्टल को भी खोल दिया जाएगा. बिहार सरकार फ्री में छात्रों को मास्क देगी.
15 दिनों के बाद होगी समीक्षा
सीनियर सेक्शन खोलने के 15 दिनों के बाद समीक्षा होगी. इसके बाद सभी जूनियर क्लास को खोला जाएगा. आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में इसका फैसला लिया गया है. इसकी जानकारी मुख्य सचिव दीपक कुमार ने दी. कोरोना संकट के बाद बिहार के सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया था. इसके अलावे होस्टल को भी बंद कर दिया गया था. जिसके बाद आज खोलने को लेकर सरकार का नया आदेश आया है.
शिक्षा मंत्री ने कल किया था इनकार
गुरुवार को शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा था कि कोरोना का नेचर बदल रहा है. अभी दिल्ली में पहले कोरोना संक्रमण कुछ कम हुआ और फिर उसके मामले तेजी से बढ गये. अगर ऐसे में सरकार स्कूलों में बच्चों को आने की इजाजत दे दे और कुछ हुआ तो सरकार ही जिम्मेवार मानी जायेगी. सरकार बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती. लिहाजा अभी स्कूलों को खोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
बिहार के शिक्षा मंत्री प्राइवेट स्कूल संचालकों पर भी बरसे हैं. दरअसल प्राइवेट स्कूलों के संचालकों ने सरकार से आर्थिक मदद की मांग की थी. उनका कहना था कि कोरोना के कारण स्कूलों को काफी क्षति हुई है इसलिए सरकार को प्राइवेट स्कूलों को पैसा देना चाहिये.
इस मांग से नाराज शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा था कि स्कूल संचालक सरकार से मांग कैसे कर सकते हैं. वे जब कमाई कर रहे थे, तब तो सरकार को एक्सट्रा टैक्स नहीं दे रहे थे. कोरोना के कारण दिक्कत सबको हुई है. मंत्री ने कहा था कि सरकार एक क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक करेगी, उसमें ये देखा जायेगा कि समस्याओं को कैसे शॉर्टआउट किया जा सकता है.
बिहार में शिक्षा व्यवस्था कैसे पटरी पर आये सरकार इस पर काम करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राइवेट स्कूल का एक एक्ट बनाया है. इसका मकसद ये है कि निजी स्कूलों में एक पारदर्शी व्यवस्था हो सके.