सरकार मुफ्त में लगाएगी रुसी टीका स्पुतनिक वी, ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाने का प्लान
एसपीएन, नई दिल्ली : कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद अब रूस में बनी ‘स्पूतनिक वी’ जल्द ही सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर भी उपलब्ध होगी. भारत में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण अभियान को रफ्तार देने के लिए एक और वैक्सीन को सरकार अपने टीकाकरण केंद्रों पर लगाने की तैयारी कर रही है.
अभी केवल प्राइवेट सेक्टर में उपलब्ध
हाल ही में कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि यह वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी. अभी स्पूतनिक वी केवल प्राइवेट सेक्टर में उपलब्ध है. अरोड़ा ने कहा कि यह सप्लाई पर निर्भर करेगा, हालांकि हम इसे मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम के तहत उपलब्ध कराना चाहते हैं. स्पुतनिक वी को 18 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करना होता है. अरोड़ा ने कहा कि जिस तरह पोलियो की वैक्सीन को रखने के लिए कोल्ड चेन फैसिलिटीज का इस्तेमाल किया जाता है, इसी फैसिलिटी के जरिए स्पूतनिक वी स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि वैक्सीन देश के ग्रामीण इलाकों तक पहुंच सके.
जुलाई तक 50 करोड़ का लगेंगी वैक्सीन
जुलाई में भारत का टीकाकरण अभियान काफी रफ्तार पकड़ेगा. जुलाई में 12 करोड़ वैक्सीन सरकार उपलब्ध कराने जा रही है. इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी वैक्सीन लगाई जाएगी. अरोड़ा ने कहा कि पोलियो टीकाकरण के चलते कुछ इलाकों में कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ी है. अब तक 34 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं. जनवरी में केंद्र ने कहा था कि जुलाई अंत तक करीब 50 करोड़ डोज लगा दी जाएंगी ताकि प्राथमिकता वाले समूहों को कवर किया जा सके. टीकाकरण को रफ्तार देने के लिए रोज करीब 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी.
अगले साल फरवरी तक तीसरी लहर
डॉ अरोड़ा के मुताबिक भारत के टीकाकरण अभियान में सबसे बड़ा हिस्सा कोवैक्सीन और कोविशील्ड का है. इन दोनों कंपनियों ने अपना प्रोडक्शन बढ़ाना शुरू कर दिया है. इसके अलावा स्पूतनिक वी वैक्सीन के साथ ही मॉडर्ना व जायडस कैडिला की नई वैक्सीन को भी मंजूरी मिल चुकी है. ऐसे में रोज करीब 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकेगी. हालांकि उन्होंने डेल्टा प्लस के कारण तीसरी लहर की संभावना से फिलहाल इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के मुताबिक तीसरी लहर अगले साल फरवरी तक आ सकती है.
पोलियो की तरह होगा टीकाकरण
दूसरी तरफ डेल्टा प्लस वेरिएंट के देश में कुल 52 मामले सामने आए हैं, ऐसे में इस वेरिएंट से तीसरी लहर की संभावना हाल फिलहाल नजर नहीं आती. मौजूदा वक्त में स्पूतनिक वैक्सीन की सप्लाई कम है और यह सिर्फ प्राइवेट सेंटर्स पर ही उबलब्ध है, जहां कीमत चुकाने के बाद ये रूसी वैक्सीन लगाई जा रही है. डॉक्टर अरोड़ा ने बताया कि सरकार इसकी सप्लाई बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है और जल्द ही स्पूतनिक फ्री वैक्सीनेशन प्रोग्राम का हिस्सा होगी. जिस तरीके से पोलियो वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन का इंतजाम किया गया था, उसी तर्ज पर स्पूतनिक का स्टोरेज भी किया जाएगा.